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पाठ 28
सम्बन्धक भूत कृदन्त (पूर्वकालिक क्रिया)
क्रियाएँ
हस-हंसना,
णच्च-नाचना
रगच्च
सम्बन्धक भूत कृदन्त के प्रत्यय
णच्चिऊण णच्चिऊणं-नाचकर
ऊरण/ऊरण दूरण दूरणं
हसिऊण/हसिऊणं =हँसकर हसिदूण/हसिदूणं =हंसकर हसिग्रहसिय =हँसकर हसिउं - =हंसकर हसित्ता =हँसकर
रणच्चिदूण/णच्चिदूणं =नाचकर णच्चिमणच्चिय =नाचकर णच्चिउ
नाचकर
त्ता
णच्चित्ता
=नाचकर
वाक्यों में प्रयोग
। हसिऊण हसिगुण/हसिन
जीवमि/जीवामि/जीवेमि-मैं
जीवमि/जीवा मि/जीवेमि = मैं हँसकर जीता हूँ ।
अम्मि
। हसिऊणं।हसिणं हसिय। ।
जीवहि/जीवसु आदि =तुम हँसकर जीवो । । हसिउं/हसित्ता
हसिऊण/हसिदूण/हसिय/ ।
जीविहिइ/जीविहिए -वह हंसकर जीयेगा/ साहसिउं/हसित्ता
जीयेगी।
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[ प्राकृत रचना सौरभ .
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