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सम्बोधन एकवचन
Jain Education International 2010_03
पुल्लिग
वेव --
हरि-इ
गामणी - ई
साहु
सयंभू - ऊ o→
अयो
अ→ग्रा
नपुंसकलिंग कमल-अ
महु-उ
वारि-इ ०
.
0
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स्त्रीलिंग
कहा-पा
मइ
लच्छी -ई
घेणु-उ
०
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,0→उ
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-0
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प्राकृत रचना मौरभ