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प्रथमा एकवचन
Jain Education International 2010_03
2101
हेव- अ
हरि-इ
गामणी--ई
साहु- उ
स यंभू-ऊ
म→ो
0-→ऊ
नपुंसकलिंग
महु-उ
कमल-अ (-) अयं
वारि-इ (-) इ→ई
(-)उ→
सघोलिंग
कहा- श्रा
लच्छो - ई
धेणु-उ
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मइ-इ o→ई
o
0→ऊ
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[ प्राकृत रचना सौरभ