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2. भूतकालिक कृदन्त को स्त्रीलिंग में प्रयोग करने से पहले उसका स्त्रीलिंग बनाना
चाहिए । 'मा' प्रत्यय जोड़ने से भूतकालिक कृदन्त शब्द स्त्रीलिंग बन जाते हैं । जैसेसुरिणअ-सुणिमा, देक्खिन-देक्खिा आदि ।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सकर्मक हैं । 4. (i) इकारान्त पुल्लिग प्रथमा बहुवचन-कइ→कई/कइउ/कइयो/कइयो ।
(ii) उकारान्त पुल्लिग प्रथमा बहुवचन-साहु-साहू/साहउ/साहनो/साहुणो । (iii) इकारान्त पुल्लिग तृतीया बहुवचन-जोगिन्जोगीहि/जोगीहिं/जोगीहि । (iv) उकारान्त पुल्लिग तृतीया बहुवचन-सूण-सूणूहि/सूणूहि/सूणहिँ ।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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