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पाठ 41
1. निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कीजिए
(क) (1) सीता शोभती है। (2) बहिन क्षुब्ध होती है । (3) माता प्रसन्न होती है । (4) वारणी थकती है। (5) आज्ञा प्रकट होती है। (6) लक्ष्मी बढ़ती है । (7) दया शोभती है। (8) गंगा फैलती है । (9) बुढ़ापा बढ़ता है । (10) सायंकाल होता है । (11) कन्यायें रुकती हैं। (12) झोंपड़ियाँ जलती हैं। (13) छोटे घड़े टूटते हैं । (14) पुत्रियाँ खाँसती हैं । (15) अभिलाषाएँ बढ़ती हैं। (16) परीक्षाएँ होती हैं । (17) सायंकाल शोभता है । (18) वारिणयाँ सिद्ध होती हैं । (19) नदियाँ सूखती हैं । (20) महिलाएँ प्रयत्न करती हैं ।
(ख) (1) श्रद्धा बढ़े। (2) भूख शान्त होवे । (3) मदिरा घटे (4) बेटी प्रसन्न हो । (5) स्त्रियाँ तप करें। (6) प्रज्ञा सिद्ध हो। (7) वाणियाँ प्रकट हों। (8) महिलाएं उत्साहित हों।
(ग) (1) शिक्षा फैलेगी। (2) अभिलाषाएँ शान्त हों। (3) नदियाँ सूखेंगी। (4) प्यास बढ़ती है । (5) लक्ष्मी कम होगी। (6) परीक्षाएं होंगी। (7) वाणी गूंजेगी । (8) गुफाएं नष्ट होंगी। (9) कन्याएँ देर करेंगी। (10) बहिनें ठहरेंगी।
(घ) (1) पुत्री विरत हुई। (2) बहिन ने जंभाइ ली। (3) ननद लंगडाती है। (4) माता खाँसी।
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प्राकृत रचना सौरभ
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