________________ श्री कुशल विचक्षण संस्कार धाम श्री जिनकुशलसूरि दादावाड़ी, रेल्वे स्टेशन के पास सांगानेर, जयपुर-303902 (राज.) वर्तमान युग की बदलती हुई परिस्थितियों में कुसंस्कारों की आंधी को रोकने के लिए जैन समाज में नई चेतना एवं जागृति की आवश्यकता बढ़ गई है। धर्म एवं समाज का सबसे मजबूत आधार हमारे सदसंस्कार हैं. जो हमें हमारे परखों से मिले हैं एवं इन्हें हमें धरोहर रूप में आने वाली नई पीढ़ी को सौंपना है। इसी पावन लक्ष्य को ध्यान में रखकर प.पू. समतामूर्ति प्रवर्तिनी महोदया स्व. श्री विचक्षण श्री जी म.सा. की सुशिष्या शतावधानी प.पू. श्री मनोहर श्री जी म.सा., पू. श्री मुक्तिप्रभा श्री जी म.सा. के शुभ आशीर्वाद से साध्वी डॉ. सुरेखा श्री जी म.सा. के सफल दिशा निर्देश में कुशल विचक्षण संस्कार धाम की स्थापना श्री जिनकुशलसूरि दादावाड़ी, सांगानेर के शांत एवं सुरम्य परिसर में की गई है। संस्कार धाम में हमारे भविष्य के कर्णधारों को स्कूली शिक्षा के अतिरिक्त धार्मिक शिक्षा, कम्प्यूटर शिक्षा, आवास, संतुलित सात्विक आहार एवं दैनिक व्यवस्थायें निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। सामायिक, पूजा, नवकारसी-पोरसी एकाशना, बियासना, आंबिल, उपवास आदि तप पर्वतिथि पर करके कर्मों की निर्जरा करने में सहायक हो रही है। रात्रि भोजन का सर्वथा त्याग करके दुर्गति का द्वार बंद कर सद्गति का पाथेय ले रहे हैं। प्रत्येक रविवारीय स्नात्र पूजा एवं प्रतिदिन प्रतिक्रमण-स्वाध्याय आदि करके आत्मोन्नति के साथ समाज सेवा में अग्रसर हो रहे हैं। इस प्रकार संस्कार धाम की अनुशासित दैनिक दिनचर्या के माध्यम से उनमें सद्संस्कारों का बीजारोपण भी किया जा रहा है। जैन समाज के आर्थिक दष्टि से कमजोर बालकों को प्रवेश हेतु प्राथमिकता दी गई है। समाजोत्थान में सहायक हो रही इस संस्था में तन-मन-धन से सहयोग देकर एवं बालकों को अधिक संख्या में भेजने की प्रेरणा दें। बालकों को प्रवेश मात्र पांचवीं से सातवीं कक्षा में दिया जा रहा है तथा दसवीं तक की शिक्षा प्रदान करने की समुचित व्यवस्था की गई है। अधिक जानकारी हेतु उपरोक्त पते पर अथवा पू. साध्वी जी डॉ. सुरेखा श्री जी म.सा. से सम्पर्क करें। Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org