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९) बराबर मध्यभाग में अरिष्ट देव का विमान होता है । १२. वैमानिक देवों के विमानों की मोटाई ऊँचाई९४५ :देवों के नाम (मोटाई लंबाई
ऊंचाई १. सौधर्म-ईशान कल्प २७ योजन मोटाई ५०० योजन ऊँचाई २. सनत्कुमार-माहेन्द्र
२६ योजन मोटाई ६०० योजन ऊंचाई ३. ब्रह्मलोक-लान्तक
२५ योजन मोटाई ७०० योजन ऊंचाई ४. महाशुक्र-सहस्त्रार
२४ योजन मोटाई ८०० योजन ऊंचाई ५. आणत, प्राणत, आरण और अच्युत २३ योजन मोटाई ९०० योजन ऊँचाई ६. ग्रैवेयक विमान
२२ योजन मोटाई
१००० योजन ऊंचाई ७. अनुत्तर विमान
__२१ योजन मोटाई ११०० योजन ऊँचाई इस प्रकार से देवों के विमानों का प्रमाण योजनों में माप किया गया हैं। १४. विमानों के रंग और प्रभा :
सौधर्म-ईशानकल्प के विमान पांचो वर्ण के हैं१) कृष्ण, २) नील, ३) लाल, ४) पीले और ५) सफेद । सनत्कुमार और माहेन्द्र कल्प के विमान चार वर्ण के हैं१) नील, २) लाल, ३) पीले और ४) सफेद (शुक्ल) । ब्रह्मलोक और लान्तक कल्पों के विमान तीन वर्ण के है१) लाल, २) पीले और ३) शुक्ल महाशुक्र और सहस्त्रार कल्प में विमान दो रंग के हैं१) पीले और २) सफेद आनत, प्राणत, आरण और अच्युत कल्पों में विमान एक रंग के हैं१) सफेद (शुक्ल) । ग्रैवेयकविमान भी सफेद होते हैं । अनुत्तरौपपातिक के विमान परम-शुक्ल वर्ण के होते हैं । इस प्रकार विमानों को रंगो का उल्लेख हैं ।
देवों के विमान की प्रभा सौधर्म-ईशानकल्प के विमान नित्य स्वयं की प्रभा से प्रकाशमान और नित्य उद्योत वाले हैं, यावत् अनुत्तरौपपातिकविमान भी स्वयं की प्रभा से नित्यालोक और नित्योद्योत करते हैं ।१४६
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