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२८०००
असंख्य "
इन्द्रके परिवार का दिग्दर्शन किया जा रहा हैनं. देव का परिवार की नं. देव का
परिवार की नाम गणना नाम
गणना १. प्रतीन्द्र १ ८. प्रत्येक अनीक की प्रथम कक्षा २. सामानिक ४००० ९. द्वितीयआदि कक्षा
दूनी दूनी ३. आत्मरक्ष १६००० १०. हाथी (कुल)
३५५६००० ४. अभ्यंतर ८००० ११. सातों अनीक
२४८९२००० ___ पारि० ५. मध्य पारि० १०००० १२. प्रकीर्णक अभियोग्य व ६. बाह्य पारि० १२००० किल्विष
(त्रि. सा.) ७. अनीक ७
इस प्रकार व्यंतरेन्द्रो का वैभव व परिवार होता हैं । प्रत्येक इंद्र अपने अपने परिवार के साथ ऐश्वर्य, विपुल भोग-उपभोगादि करता हुआ रहता है ।
७. इन्द्रों की देवियों का निर्देश व्यंतर के १६ इन्द्रों की देवियों के दो प्रकार हैं-गणिका और वल्लभिका । इनके नाम निम्न प्रकार से हैंगणिका
वल्लभिका नं. इन्द्रका नाम नं० १ नं. २ नं० १ नं. २ १. किंपुरुष मधुरा मधुरालापा अवतंसा केतुमती २. किन्नर सुस्वरा मृदुभाषिणी
रतिप्रिया ३. सत्पुरुष पुरुषाकांता सौम्या रोहिणी । नवमी ४. महापुरुष पुरुषदर्शिनी भोगा ही
पुष्पवती ५. महाकाय भोगवती भुंजगा भोगा । भोगवती ६. अतिकाय भुजगप्रिया विमला आनन्दिता पुष्पगंधी ७. गीतरति सुघोषा अनिन्दिता सरस्वती स्वरसेना ८. गीतरस सुस्वरा सुभद्रा नन्दिनी प्रियदर्शना
रतिसेना
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