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________________ ४८ ऐतिहासिक सार-भाग ७ जुआ बीबी मोजद्दीन ९ अलाउद्दीन १० नसरत ११ ग्यासद्दीन १२ मोजद्दीन १३ समसूद्दीन १४ जलालुद्दीन १५ वाँ बादशाह अलाउद्दीन हुआ । वह संवत् १३५४ में दिल्ली के तख्त पर बैठा । उसने ठेठ गुजरात से लेकर लाभपुर (लाहौर) तक का प्रदेश जीता था । अलाउद्दीन से लेकर, कुतुबुद्दीन, शाहबुद्दीन, खसरबदीन, ग्यासबदीन और महिमुद तक के दिल्ली के ६ बादशाहों ने गुजरात का शासन चलाया । उनकी आज्ञा से क्रमशः अलूखान (अलपखान), खानखाना, दफरखान और ततारखान पाटन के सुबेदार रहे । पीरोजशाह के समय में गुजरात स्वतंत्र हुआ और गुजरात की जुदी बादशाही शुरू हुई । संवत् १४३० में मुजफ्फर नामका हाकिम गुजरात का पहला बादशाह बना ।* * राजावली कोष्टक में, इसने २४ वर्ष राज्य किया ऐसा लिखा हुआ है । उसमें इसके सदूमलिक (?), उजहेल (?) और मुजफ्फर, इस प्रकार तीन नाम लिखे हैं, जिनमें प्रथम के दो का कुछ भी अर्थ ज्ञात नहीं होता । तवारिखों में इसका पहला नाम जफरखान मिलता है । इसके बादशाह होने की तारीख तवारिखों में अलग अलग मिलती है । रासमाला में ई. सन् १३९१ (संवत् १४४७) का उल्लेख है । अन्यान्य ग्रन्थों में ई. सन् १४०७-८ (संवत् १४६३-४) मिलता है । कोष्ठक में लिखा है कि पूर्वावस्था में कुछ उपकार करने के कारण फिरोजशाह बादशाह ने अपना उपकारी समझकर इसे गुजरात का राज्य दिया । तवारिखों में इसके विषय में जो कुछ लिखा हुआ है, उसका मतलब इस प्रकार है, फिरोज तुगलक, बादशाह बनने से पहले, एक दफा पंजाब के जंगल में शिकार खेलने गया था । वहां पर वह भूला पड गया और इधर उधर भटकता हुआ टांक जाति के राजपूतों के एक गांव में जा पहुंचा । शाहरान और साधु नामक दो राजपूत भाईयों ने उसका स्वागत किया और कुछ दिन तक अपने घर पर रक्खा । उनकी एक बहन थी, जिसके साथ फिरोज का प्रेम हो जाने से उसको ब्याह कर वह दिल्ली ले गया । साथ में वे दोनों भाई भी दिल्ली गये और फिरोज के कथन से उन्होंने वहां पर इस्लाम धर्म का स्वीकार किया । शाहरान का नाम वजीहुल्मुल्क और साधु का नाम समशेरखान रक्खा गया । जब फिरोज बादशाह बना Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002553
Book TitleShatrunjayatirthoddharprabandha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherShrutgyan Prasarak Sabha
Publication Year2009
Total Pages114
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Tirth
File Size6 MB
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