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________________ ११६६ १२५४ ४५६ आचारांगमाध्यम् से बेमि–णेव सयं लोग.... ११३९ से मइमं परिण्णाय, मा यह"" २०१३२ से सुपडिबुद्धं सूवणीयं ति णच्चा" २३४ से बेमि –णेव सयं लोगं". से मेहावी अणुग्घायणस्स खेयण्णे" २०११ से सुयं च मे अज्झत्थियं च मे ॥३६ से बेमि-तं जहा। से मेहावी अभिनिवटेज्जा.. ३८४ से सोयति जूरति तिप्पति". २।१२४ से बेमि -संति पाणा उदय.. से मेहावी परिव्वए। ६१५५ से हंता छेत्ता भेत्ता लुपइत्ता २।१४ से बेमि --संतिमे तसा पाणा'" ११११८ सवता काह च, माण च ३१७१ से हंता छेत्ता भेत्ता लुपित्ता... २।१४२ से बेमि–संति संपाइमा पाणा".. १११६४ से वसुमं सम्व-समन्नागय" १११७४ से हु एगे संविद्धपहे मुणी ... ५२५० से बेमि–समणुण्णस्स वा " १ से वसुमं सब्व-समन्नागय-पण्णाणेणं "५१५५ से हु दिट्ठपहे मुणी। ३।३७ से बेमि-से जहावि अणगारे " श३५ से वि तत्थ विअंतिकारए । ६० से हु दिट्ठपहे मुणी, जस्स णस्थि. २११५७ से बेमि-से जहा वि कुम्मे हरए .. ६६ सेवि तारिसए सिया, जे परिण्णाय' ५५४३ से हु पण्णाणमंते बुद्धे आरंभोवरए । ४।४७ से भिक्खू अचेले परिवुसिते .. ८।१११ से सयमेव अगणि-सत्थं. सोच्चा खलु भगवओ अणगाराणं. २२५ से भिक्खू कालण्णे बलण्णे... सोच्चा खलु भगवओ अणगाराणं... ११४८ २।११० से सयमेव उदय-सत्थं" ११४५ सोच्चा भगवओ अणगाराणं वा ११०७ से भिक्खू कालण्णे बलण्णे... ८.३९ से सयमेव तसकाय-सत्थं.. १।१३१ सोच्चा भगवओ अणगाराणं वा" १२१३४ से भिक्खू परक्कमेज्ज "" पा२१ से सयमेव पुढविसत्थं"" १२२२ सोच्चा भगवओ अणगाराणं वा. १२१५८ से भिक्खू परक्कमेज्ज"" ८।२३ से सयमेव वणस्सइ-सत्थं." १।१०४ सोच्चा वई मेहावी, पंडियाणं" ५४० से भिक्खू वा भिक्खुणी वा... ८१०१ से सयमेव वाउसत्थं. १।१५५ सोच्चा वई मेहावी, पंडियाणं... ८३१ १७६ Jain Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002552
Book TitleAcharangabhasyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages590
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Research, & agam_acharang
File Size14 MB
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