SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 122
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वर्ण खून अंग पीठ घूटने पेट पुरुष वृषभ धातु जल पत्नी इनका सामान्य स्वरूप-परिचय निम्न तालिकासे ज्ञातव्य है . सूर्य चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहु केतु जाति क्षत्रिय वैश्य क्षत्रिय शुद्र ब्राह्मण ब्राह्मण वर्णशंकर चांडाल वर्णशंकर त्रांबावर्णी श्वेत रक्त हरा पीला चित्र-विचित्र काला काला धुंआ जैसा विकार खून-पित्त कफ पित्त-कफ- वात-पित्त- वात-कफ वात-कफ वायु वायु वायु कफ मस्तक- छातीहाथ- कटि- गुदा हड्डियाँ - मुख पीडे कंठ पैर जंघा वृषण साथल गुण सत्त्व सत्त्व तमस् रजस् सत्त्व रजस् तमस् तमस् तमस् दिशा-स्वामी पूर्व वायव्य दक्षिण उत्तर ईशान अग्नि पश्चिम नैऋत्य नैऋत्य लिंग पुरुष स्त्री नपुंसक पुरुष स्त्री नपुंसक पुरुष पुरुष मूल त्रिकोण सिंह मेष कन्या धन तुला कुंभ कुंभ सिंह ० से२०° ३°से३०० ० से १२ १५ से२०° 0 से१०° 0 से१५° ०°से२०° त्रांबा मणि सोना कांस्य रूपा मोती सीसा-लोहा लोहा नीलमणि तत्त्व अग्नि अग्नि वायु पृथ्वी पृथ्वी जल - - कारक आत्मा माता भ्रातृ व्यवसाय पुत्र आयुष्य पिता-पति मित्र भावका १,९,१० ४ ३.६ ४.१० २.५.९, ७ ६.८.१०. . कारक १०.११ १२ अधिष्ठायक अग्नि देव जल देव अग्नि देव विष्णु इन्द्र इन्द्राणी ब्रह्मा शुभाशुभ अशुभ शुभाशुभ अशुभ स्थितप्रज्ञ. शुभ शुभ अशुभ अशुभ अशुभ पूर्ण दृष्टि सातवें सातवें ४-८-७ सातवें ५-९-७ सातवें ३-१०-७ अपूर्ण प्रत्येक ग्रह अपने स्थान से तृतीय और दशम स्थानमें पाव() पंचम-नवममें अर्थ और चतुर्थ- अष्टममें दृष्टि ३/४ दृष्टि से देखता है। योगकारक प्रथम अष्टम चतुर्थ- तृतीय- नवम- दसम द्वितीय . . लग्न पंचम पठ बारह ग्यारह सप्तम स्वगृही सिंह कर्क मेष-वृश्चिक मिथुन- धन- वृषभ- मकर- मिथुन- धन कन्या मीन तुला कुंभ कन्या मीन उच्च मेष-१०° वृषभ-३° मकर-२८° कन्या-१५°कर्क-५० मीन-२७° तुला-२०° मिथुन-१°धन-१° नीच तुला-१०° वृश्चिक-३° कर्क-२८० मीन-१५° मकर-५° कन्या-२७° मेष-२०° धन-१० मिथुन-१० मूल धातु धातु जीव जीव मूल धातु धातु . स्वभाव स्थिर चर कूर मिश्र कोमल लघु तीक्ष्ण मित्र चं.मं.गु. सू.बु. सू.चं.गु. सू.चं.राहु सू.चं.मं.रा. बु.श.रा. शु.बु.रा. बु.शु.श. - सम-विषम बुध मं.गु.शु.श. शुक-शनि मं.गु.श. शनि. बु.श.रा. शु.बु.रा. तु.शु.श. . शत्रु शु.श.रा. राहु बुध-राहु चंद्र बुध-शुक्र सूर्य-चंद्र सू.चं.मं. सू.चं.मं. संज्ञा 1950 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002551
Book TitleSatya Dipak ki Jwalant Jyot
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiranyashashreeji
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1999
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy