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i-v vi- vii viji-xi xii-xv
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3.
विषय सूची भूमिका अंतर्दर्शन अभिमत प्राक्कथन जीवनवृत्त जीवन परिचय। भैया भगवतीदास सम्बंधी भ्रांतियों का निराकरण। काल-निर्णय। नाम तथा उपनाम। जन्म स्थान, जनश्रुति तथा कवि का अपने युग के प्रति दृष्टिकोण। जिन धर्म में आस्था। प्रेरणास्रोत। विनयशीलता। बहुज्ञता। तत्कालीन परिस्थितियाँ राजनैतिक। सामाजिक। धार्मिक। साहित्यिक। कृतियों का परिचय रूपक काव्य (1) शत अष्टोत्तरी. (2) चेतन-कर्म-चरित्र. (3) गुरु शिष्य प्रश्नोत्तरी, (4) मधु-बिन्दुक चौपाई, (5) नाटक पचीसी, (6) उपादान-निमित्त संवाद, (7) पंचेन्द्रिय संवाद, (8) मनबत्तीसी, (9) स्वप्न बत्तीसी, (10) सुआ बत्तीसी। दर्शन प्रधान रचनाएँ (1) गुण मंजरी, (2) लोकाकाश क्षेत्र परिमाण कथन, (3) एकादश गुणस्थान-पर्यन्त पंथ वर्णन, (4) बारह भवना, (5) कर्मबंध के दश भेद, (6) सप्तभंगी वाणी, (7) चौदह गुणस्थानवर्ती जीव संख्या वर्णन (शिवपंथ पचीसिका), (8) पन्द्रह पात्र की चौपाई, (9) ब्रह्माब्रह्म निर्णय चतुर्दशी, (10) अष्टकर्म की चौपाई, (11) रागादि निर्णयाष्टक, (12) बाईस परीसहन के कवित्त, (13) मुनि के छयालिस दोष वर्जित आहार विधि, (14) अनादि बत्तीसिका, (15) समुद्धात स्वरूप, (16) सम्यक्त्वपचीसिका, (17) परमात्म छत्तीसी, (18) ईश्वर निर्णय पचीसी, (19) कर्ता अकर्ता पचीसी। स्तुति और जयमाला साहित्य- (1) श्री जिन पूजाष्टक (2) चतुर्विंशति जिन स्तुति (3) विदेह क्षेत्रस्थ वर्तमान जिनविंशतिका, (4) परमात्मा की जयमाला, (5) तीर्थकर जयमाला, (6) श्री मुनिराज जयमाला, (7) अहिक्षिति पार्श्वनाथ जिन-स्तुति,
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