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( १३ ) वैदिक परम्परा में कैवल्य २३७-२३८, बौद्ध परम्परा में निर्वाण २३८२४०, जैन परम्परा में मोक्ष २४०-२४५।।
दशम परिच्छेद : उपसंहार जैन ध्यान परम्परा की सामान्य विशेषताये २४८, सदाचार पर बल २४८, संयम का पालन २४८-२४६, तप २४६, अकिञ्चनत्व की भावना २४६-२५०, गुणस्थान २५०, अनुप्रेक्षा २५०, मोहक्षय २५१, अतीन्द्रि य आनन्द की उपलब्धि २५१-२५२ ।
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