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________________ २४८] परिशिष्ट-२० देश एवं देशवासी अंध (आंध्र) कोसल (कौशल) तामलित्तग (ताम्रलिप्तक) पारसीक (देशवासी) मरहट्ट (महाराष्ट्र) मरहट्टय (महाराष्ट्रिक) मालव (मध्यप्रदेश) लाड (लाट) (गा. २६५६) (गा. २६५६) (गा. २८६५) (गा. ८६८ टी. प. १२२) (गा. १७००) (गा. २६५६) (गा. १७८८) (गा. १७००) धान्य मंडुग (मेंढक) मगरं (मगर) मच्छिय (मक्खी) मज्जार (मार्जार) मसग (मच्छर) महिस (भैंस) मिग (मृग) मूइंग (चींटी) मूसग (चूहा) रासभ (गधा) वग्घ (व्याघ्र) वसभ (बैल) वाल (व्याल, सर्प) विच्छुग (बिच्छु) वीरल्ल (बाज) सउणिया (पक्षी) सउणी (पक्षी) सप्प (सर्प) साण (कुत्ता) सियाल (सियार) सिरीसव (सर्प की जाति) सीह (सिंह) सीही (सिंहनी) सुणग (कुत्ता) सूगर (सूअर) हत्थि (हाथी) (गा. २६२१) (गा. १३७०) (गा. ३१३८) (गा. ३१३६) (गा. ३१०६) (गा. ६४६) (गा. १०४१) (गा. १७७२) (गा. ३१३६) (गा. ३३१) (गा. ७७३) (गा. ७१३) (गा. ६४२) (गा. १७७२) (गा. ३८७५) (गा. ७७१) (गा. ३८७५) (गा. ८१६) (गा. १०१४) (गा. १३७७) (गा. ६४२) (गा. ७७०) (गा. ७७२) (गा. २५५) (गा. १७५१) (गा. ७७३) अयसी (अलसी) ओदण (चावल) कलम (चावल) कुलत्थ (कुलथी) कोद्दव (कोद्रव) गोहुम (गेहूं) जव (जव) चणा (चना) चवल (चवला) तंदुल (तंदुल) तिल (तिल) तुवरि (तुवरि) निष्फाव (निष्पाव) मसूर (मसूर) मास (उड़द) मुग्ग (मूंग) रालग (रालक) वीहि (व्रीहि) सण (सन) सरिसव (सर्षप) सालि (धान्य) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. २५०१, ४२८७) (गा. ४२८७) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. २५०१) (गा. २५०१) (गा. २५०१) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. ६५१ टी प १३२) (गा २३५६) (गा ८४७) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. ४६३६) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. २५०१) (गा. २५०१) (गा. ६५१ टी. प. १३२) (गा. ४६६, ५५५) (गा. २५०१) तीर्थंकर मुणिसुव्वय (मुनिसुव्रत) वद्धमाण (महावीर) (गा. ४४१७) (गा. ४६७१) देव नगरी अरुण (अरुण) तालपिसाय (तालपिशाच) लवसत्तम (लवसत्तम) वरुण (वरुण) हिरडिक्क (चांडालों का देव) (गा. ४६६२) (गा. ७८४) (गा. २४३३) (गा. ४६६२) (गा. ३१४६ टी. प. ५५) अवंति (अवंती) इंदपुर (इंद्रपुर) (गा. ७८४) (गा. २६५६) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002531
Book TitleAgam 36 Chhed 03 Vyavahara Sutra Bhashya
Original Sutra AuthorSanghdas Gani
AuthorKusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages860
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_vyavahara
File Size14 MB
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