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प्रथम उद्देशक
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६१७.
६१४. कज्जाऽकज्ज' जताऽजत, अविजाणतो अगीतों जं सेवे ।
सो हो। तस्स दप्पो, गीते दप्पाजते दोसारे ॥ ६१५. दोसविभवाणुरूवो, लोए दंडो वि किमुत उत्तरिए ।
तित्थुच्छेदो इहरा, निराणुकंपा न “वि सोही'३ ॥ ६१६. तिविधे तेगिच्छम्मी, उज्जुग-वाउलण-साहणा चेव ।
पण्णवणमणिच्छंते, दिलुतो भंडिपोतेहिं ॥ सुद्धालंभि' अगीते, अजयणकरणकधणे भवे गुरुगा ।
कुज्जा व अतिपसंगं, असेवमाणे व असमाधी ॥ ६१८. जा एगदेसे अदढा उ भंडी, सीलप्पए सा उ करेति कज्जं ।
जा दुब्बला संठविता वि संती, न तं तु सीलेंति विसण्णदारु ॥ जो एगदेसे अदढो उ पोतो, सीलप्पए सो उ° करेति कज्जं । जो दुब्बलो संठवितो वि संतो, न तं तु सीलंति विसण्णदारु'२ ॥ निवितिए१३ पुरिमड्ढे, एक्कासण अंबिले 'चउत्थे य१४ ।
'पण दस पण्णरसे या, वीसा तत्तो य पणुवीसा'१५ ॥ ६२१. मासो लहुगो गुरुगो, चउरो लहुगा य होति गुरुगा य ।
छम्मासा लहु-गुरुगा, छेदो मूलं तध दुगं च६ ॥ एसेव गमो नियमा, मास - दुमासादिगा तु संजोगा ।
उग्घातमणुग्घाए, 'मीसम्मि य सातिरेगे य१७ ॥ ६२३. एसेव गमो नियमा, समणीणं दुगविवज्जितो होति ।
आयरियादीण जहा, पवित्तिणिमादीण वि तधेव८ ॥
६१९.
कज्जमकज्जे (स), कज्जमकज्ज (अ, निभा ६६५४)। व्यभा १७१, ६१५-६१६ ये दोनों गाथाएं टीका की मुद्रित पुस्तक में नहीं हैं। किन्तु हस्तप्रतियों में प्राप्त है । व्यवहारभाष्य के प्रथम भाग (१७१-७२) में भी इस क्रम में ये दोनों गाथाएं मिलती हैं। य विसोही (अ), निभा ६६५९, इस गाथा के बाद पहले भाग में पांच गाथाएं (१७३-७७) और मिलती हैं। उनका टीका एवं हस्तप्रति दोनों में कोई उल्लेख नहीं है। भंडिवोदेहिं (स), निभा ६६६१, व्यभा १७८ । ० लंभे (अ, निभा ६६६०)। यह गाथा टीका में नहीं है किन्तु हस्तप्रतियों में प्राप्त है । व्यभा में भी १७९ के क्रमांक में यह गाथा मिलती है। ण दढा (स)। व्यभा १८०। ण दढो (स)।
१०. य (ब)। ११. सीलवितो (अ.स)। १२. व्यभा १८१ । १३. निव्वितीय (अ.स), निविगितिय (निभा)। १४. अभत्तट्टे (निभा)। १५. गाथा का उत्तरार्ध निभा (६६६२) में इस प्रकार है
पण दस पण्णर वीसा, तत्तो य भवे पणुव्वीसा (निभा, व्यभा १६३), (६१९-६२०) ये दोनों गाथा टीका की मुद्रित पुस्तक में
नहीं है किन्तु हस्तप्रतियों में प्राप्त हैं। १६. निभा ६६६३, व्यभा १६४ । १७. मीसं मीसाइरेगे य (निभा ६६६४)। यह गाथा टीका की मुद्रित
पुस्तक में नहीं है किन्तु हस्तप्रतियों में मिलती है। निशीथ भाष्य
में भी इस क्रम में यह गाथा मिलती है। १८. निभा ६६६५।
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