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• अवसार्णे कालु जं दुक्कियउ जं सूलु ण दाहिण - करें चडिउ तं परम-विसाउ जाउ महुहें' पञ्चेन्दिय दुद्दम दमिय ण वि मइँ' पावें' पावासत्तऍण " संजोउ सव्वु को कहों' तणउ वरि एवं सल्लेहणु करमि तो एम भवि णिग्गन्धु थिउ
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२००] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
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-कतरि
महुणा फग्गुण फुल्ल-पलासु जिह
जे भवजगहों सुह-वसुहारा अरहन्तहुँ केरा सत्त सरा पुणु सिद्ध हुँ' केरा पञ्च सरा
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आयरियहुँ केरा सत्त सरा सत्तोवज्झाय - णमोकरणा इय' पञ्चतीस परमक्खरहूँ विस-विसम-विसय- णिद्धाडणइँ महु' सुह-गई' देन्तु' भणन्तु थिउ
॥ धत्ता ॥
'ऐकु जि जीउ महु' त्तणउ रणु जें तवोवणु जिणु सरणु
[१२]
जं
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[क० ११, ९, १२, १ - ९; १३, १-८
रुहिरारुणु गरें । लक्खिज्जइ गिरिवरें ॥ ९
रहु सुर जिणेंवि ण सक्कियर ॥ १
जं पुत्तों - मरणु समावडिउ ॥ २ 'मइँ ण किय पुज तिहुअण-पहुहें ॥ ३ " धम्म-क्किय एक विण किय कवि ॥ ४ rs वन्दिय देव जियन्तऍण ॥ ५ णिष्फलु' जम्मु गउ महु' त्तणउ ॥ ६ वय पञ्च महा-दुद्धर धरमि' ॥ ७ सहूँ हत्थें सुप्पाडु किउ ॥ ८
॥ घत्ता ॥
'सबों परिहार |
गयवरु सन्धारउ' ॥ ९
[१३]
पुणु घोसिय पच णमोक्कारा ॥ १ जे सबह सोक्खहँ पढमयरा ॥ २ जे सासय- पुरवर - सिद्धियरा ॥ ३
जे परमाचार -
- विचार -परा ॥ ४
व साहुहुँ भव-भय-परिहरणा ॥ ५ सुय- पारीवार- परम्परइँ ॥ ६ सिवउरि-कवाड - उग्घाडणइँ ॥ ७ कुञ्जरहों जें उप्परें कालु किउ' ॥ ८
5s नारायण 6P ° कडित्तरिउ, S कडत्तरिउ.
5PSA कडु.
12. 1 Ps A°हो. 284 ° हो. 3PSA °इ. 4 Ps पावइ, A पावे.
4 A इद
CP गउ णिष्फलु, A णिप्फलु वि. 7 A महुं तणड 8 Pएमहि, S येवहि, 4 एवहि. 9A महुं तणउं. 13.1PSA हो. 2PSA. 3PS करणा, A णमोकारकरण. 5 A वारवारस. 6PA महुँ. 7Ps सुहइ. 8 पभणंतु 9 After this P margi. nally and s read : संजायउ सणकुमारे अमरु | अच्छरकरचालिय चमरभरु ॥
२ अन्यत्सर्वं परद्रव्यं जानीहि.
[१२] १ 'एगो मे सासदो अप्पा णाणदंसणलक्खणो' इत्यादि.
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