________________
क० ४, १–८, ५, १-७]
"वाइ सुरवरहिँ खर- दूसण - तिसिर-वहें .
[ ४ ] तेण वयणें कुइय महएवि । ते तुझु एवड्डु विक्कमु । किणे णाउ लक्खण-परक्कमु ॥
अण व बहु- दुक्ख जणेराइँ पइँ रावण काइँ ण दिट्ठाइँ
जेण मण्ड पयाललङ्क उद्दालिय । दिण्ण तार सुग्गीबद्दों सिल संचालिय ॥ १
अज्ज वि अच्छन्ति महन्ताइँ tor tro- गील केण सहिय रहुवइहें निहालि केण मुहु अङ्गङ्गहिँ किर को गहणु
मायासुग्गीव-विमद्दणहों
णव- मालइ - माला-मउअ-भुअ
पर-पक्खें' पसंसियऍ
www
जाला-सय-पज्जलिङ
Jain Education International
जुज्झकण्ड - चउसत्तरिमो संधि [ १३५
•
[५] णियय पक्खों दिण्णें' अहिखेवें ।
'जइ अण्णें केण वि वुत्तु एव तुहुँ इँ पणइणि पणएण चुक किण करम सन्धि तहिं जें कालें उज्जाण भङ्गे मन्दिर - विणा सें पढभिडें' हत्थ - पहत्थ-मरणें
~
एवहिं पुणु दुसन्थवउ कज्जु
चरियइँ हणुवन्तों केराइँ ॥ २ हियवऍ सलइँ' व पइडाइँ ॥ ३ दुज्जण-वर्णं व्व दुहन्ताइँ ॥ ४ रणें हत्थ-पहत्थ जेहिँ ' वहिय ॥ ५ छ-व्वार विरहु जें कियर तुहुँ ॥ ६ कि तेहि मि महु केस-ग्गहणु ॥ ७
॥ घत्ता ॥
[४] १ गर्व नीतः. २ न ज्ञातम्. [५] ११ निंन्दा
रक्त-णे (वि) फुरियाँहरु मलिय - करुप्पलु ।
चलिय - गण्डु भू-भगुरु
ताडिय - महियलु ॥ १
तो निरु पामि ताल - हलु जेम ॥ २ ओसरु पासों मा पुरउ ढुक्कं ॥ ३ • खर-दूषण-रणें हय - कोडवालें ॥ ४ रामागमें कोर-पवासें ॥ ५ इन्दइ- घणवाहणं - वन्दि-धरणें ॥ ६ ऐक्कन्तरु ताह मि महु मि अज्जु ॥ ७ णाव, s°णा इ. 4 A इं. 5PSA जेहि. पक्ख. 3 Wanting in A 4Ps सित्तउ.
4. 1Ps हेवा हिउ. 2 PSA ° इ. 3P 5. 1PSA दिण्ण अहिखे वि. 2 PSA
5 P विष्फुरिअहरु, विष्फुरियाहरु, 4 विफुरिअहरु 6s A कु. 7PSA डि. 8PSA णे,
एत्तिय मेति विरहुणन्दणहों । अज्ज वि अप्पिज्जउ जणय-सुय' ॥ ८ 15
दस - सिरेहिँ दससिरु पलित्तउ ।
अहो व्व वाण छत्तं ॥
२ शीघ्रं संप्राप्तं वा ३ बिभीषणे गते. • संग्रामे. ५ संग्रामम्.
For Private & Personal Use Only
to
5
20
.25
www.jainelibrary.org