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५०] सयम्भुकिउ पउमचरित
[क० ४, ५,५, १-९६, १-८
॥ घत्ता॥ सिरु गयउ कवन्धु जे भण्डइ मुंहु भड-वोर्क ण छण्डइ । णिय-सौमिहें पेसणु संरइ "विउणउ णं भड्डु पहरइ ।। ९
[५] वल-किङ्करु ज सङ्कोहु हउ धाविउ वितावि तं रणे अजउ ॥ १ 'कहिँ गच्छहि अच्छमि जाम हउँ रहु वाहें वाहें सवडम्मुहउ ॥२ सङ्कोहु जेम घाइउ छलेण तिह पहरु पहरु णिय-भुव-वलेण' ॥३ तं वयणु सुणेवि किर ओवंडइ विहि-राउ ताम्ब तहों अभिडइ ।। ४
ते विहि-वितावि आरुट्ठ-मणा . उत्थरिय स-मच्छर वे वि जणा ॥ ५ " णं पलय-काले पलयम्वुहरी जिहे ते तिह सैर-धारा-वयंरा ॥ ६ जिह ते तिह पॅरिचक्कलिय-धणु जिह ते तिह विजुजलिय-तणु ॥७ जिह ते तिह भीम-णिणाय-करी जिह ते तिह सूर-च्छाय-हरा ॥८
॥घत्ता॥ विहि-राएं अमरिस-कुद्धऍण अहिणव-जयसिरि-लुद्धऍण । पाडिउ वितावि णाराऍण गिरि जिह वज्ज-णिहाऍण ॥९
[६] जं हउ वितावि तं ण किउ खेउ कोवग्गि-पलित्तु विसालतेउ ॥ १ विहि-रायहाँ भिडइ ण भिडइ जाम हक्कारिउ सम्भु-णिवेण ताम्व ॥२
ते वे वि परोप्पर अभिडन्ति णं गिरि स-परकम ओवडन्ति ॥ ३ . ॥ एत्थन्तरें 'सम्भु ण 'किउ खेउ उरें सत्तिएँ भिण्णु विसालतेउ ॥४
ओणल्लिउ महियले विगय-पाणु णिय-साहणु पेक्खेंवि लोहमाणु ॥ ५ सुग्गीउ पधाइउ विप्फुरन्तु , 'लइ वलहों वलहो' समु उत्थरन्तु ॥६ णं णिसियर-सेण्णहों मइयवट्ठ णं केसरि मिग-जूहों विसट्टु ॥ ७ णं तिहुयण-चक्कों काल-दण्डु णं.जलहर-विन्दहों पैलय-चण्डु ॥ ८ 14 PS भंडणि भिडइ. 15 P A मुहुँ. 16 A °वुक्क ण छट्टइ. 17 PS °सामिय. 18 A अणुसरइ. 19 This pāda is missing in P. 20 A विउउणउं. 21 A पहरई.
5. 1 P S संकोहु, A रणे कोहु. 2 PS कहें (s °हे) गच्छहे. 3 PS ऊवडइ. 4 PS तावि. 5 Ps °विताव आ(PH)विट्ठमण. 6 PS °वुहरु. 7 PS °वयरु. 8 PS कर. 9 PS सूरहो छाय? . 6.1 P सपरिक्कम. 2 P संमें, 5 सं. 3 P किउय, कियउ. 4 PS सिमिरहो. 5A कालहो चक्क. २ (P.s reading ) संग्रामे. [५] १ नाम. २ मेघाः. ३ बाणावली, जलधारा च. ४ प्रगुणीकृतम्. ५ बिद्यया,-विद्यु(ता) वा. [६] १ विलंबु. २ प्रलयवायुः. .
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