SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 94
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क० २०, ७-९; १, १ – ९ ] हा हा सीऍ सीऍ 'उप्पेक्खमि एम पलाउ करन्ति ण थक्कइ ॥ घत्ता ॥ चउदिसु लोयणेंहिँ विसालेंहिँ । सिर- कमल से इं भुव- डालेंहिं ॥ ९ * [ २७. सत्तवीसमो संधि ] खर्णे खणें जोयंइ खर्णे खणें पह 'तो सायर- वज्जावत्त-धर णारायण - राहेव रणें अजय ताणन्तरे णम्मय दिट्ठ सरि करि-मयरं-कराहय-उहर्य-तड झड - भीम - णिणाएं गीढ-भय हय - हिं सिय-गज्जिय-मत्त-गय 'मय-मुक्क - करम्विय वहइ मैंहु तों धाइय गन्धर्व - पवह-गण महर ठेक्कारें मुअन्ति वल दै भमर परिट्ठिय केसरहों तो" सीराउह - सारङ्गधर वारु करेष्पिणु रेवयऍ उज्झाकडं - सतवीसमो संधि [ ५३ तिहि मि जंगहुँ एवं पि ण पेक्खमि ॥ ७ खणे णीससइ सइ खर्णे कोक्कइ ॥ ८ Jain Education International सुर- डामर असुर-विणासयर । णं मत्त महागय विञ्झु गय ॥ [१] सरि जण-मण- यणाणन्द- करि ॥ १ ass पडन्ति णं वर्झ- झड ॥ २ भय-भीय- समुट्ठिय-चक्कय ॥ ३ गयवर - अणवरय-विसट्ट-मय ॥ ४ महुयर रुण्टन्ति मिलन्ति तेहु ॥ ५ गण- भरिय-करञ्जलि तुट्ठ-मण ॥ ६ वेल-कमल-करग्विय सँङ्ग-दल ॥ ७ hes for णवर जिणेसरहों ॥ ८ ॥ घत्ता ॥ सहुँ सीयऍ सलिलें पट्ठ पर । णं तारिय सासण - देवयऍ ॥ ९ 6 A जगहं. 7 s एउ. 8s wanting, 4 सुसइ. 9s A पहणई. 10 Ps सयं. 1. 1 A reads the following Doha in the beginning. जीवों कहिँ मि थियासु । जं जीवें दिण्णलं अन्न भवे तासु कि नासिवि सक्कियइ कम्मों पुष्व कियासु ॥ छ ॥ 2 A 'राघव. 3 Ps ° मकरवराहय °. 4 A 'उभय° 5 Ps तडियड 6s मत 7PS मीस. 8P $ *चकहर. 9s मुहुं. 10 A णिलंति. 11 Ps तहुँ. 12s गंधपवाह 13s गय 14 P s °ढिक्कार. 15 s दक. 16 A ते. ३ ऊर्ध्वं पश्यामि ... [१] १ नर्मदा २ चक्रवाकाः ३ कस्तूरिका. ४ गान्धर्व, प्रथम- देव - विशेष - गणाः. ५ の ५ वृषभ. ६ वङ्गयुगलम् ः For Private & Personal Use Only 10 16 20 www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy