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४२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
. [क० २०,१-१०,११-७ । [२०] ताम मणेण सङ्किया राहवस्स घरिणी ।
णं भय-भीय काणणे वुण्णुर्यण्ण हरिणी ॥१ 'पेक्खु पेक्खु वलु वलु आवन्तउ सायर-सलिलु जेम गजन्तउ । २ लइ धणहरु में अच्छि णिच्चिन्तउ मञ्छडु लक्खणु र अत्थन्त॥३ तं णिसुणेवि णिबूढ-महाहवु जाम चाउ किर गिण्हइ राहवु ॥ ४ ताम कुमारु दिनु सहुँ णारिहिँ परिमिउ हत्थि जेम गणियारिहिँ ॥५ तं पेक्खेप्पिणु सुहर्ड-णिसामें भीय सीय मम्भीसिय रामें ॥ ६ .. 'पेक्खु केम सीहोयरु वद्धउ सीहेण व सियालु उट्ठद्धउ' ॥७ ॥ एवं वोल्लं किर वट्टइ जाहिँ लक्खणु पासु पराइउ ताहिँ ॥ ८ चलणेंहिँ पडिउ वियावड-मत्थउ भविउ व जिणहाँ कियञ्जलि हत्थउ ॥९
॥ घत्ता ॥ 'साहु' भणन्तेण · सुरभवण-विणिग्गय-णामें । स इँ भु अ-फैलिहिँ अवरुण्डिउ लक्खणु रामें ॥ १०
[२६. छव्वीसमो संधि] लक्खण-रामहुँ धवलुजल-कसण-सरीरह। एक्कहिँ मिलियइँ णं गङ्गा-जउणहें णीरइँ ॥
[१] अवरोप्परु गझोल्लिय-गत्तेहि सरहसु साइउ देवि तुरन्तेंहिँ ॥१ 20 सीहोयरु णमन्तु वइसारिउ तक्खणे वजयण्णु हक्कारिउ ॥२
सहुँ णरवर-जणेण णीसरियउ। णाइँ पुरन्दरु सुर-परियरियउ ॥ ३ रेहइ विजुलङ्ग अणुपच्छऍ पडिवा-इन्दु व सूरहों पच्छऍ ॥४ तं इट्टाल-धूलि-धुअ-धवलउँ । सहसकूडु गय पत्त जिणालउँ ॥ ५
चउदिसु पयहिण देवि तिवारऍ पुणु अहिवन्दण करइ भंडारऍ ॥६ • तं पियवद्धण-मुणि पणवेप्पिणु वलहों पासें थिउ कुसलु भणेप्पिणु ॥७
20. 1A मं. 2 P णिचंतउ, s णिचेतउ, A निश्चिंतउ. 3 s A महाहउ. 4 s राहओ, A राहउ. 5A पेक्खेविणु. 6 PS सुहडु. 7 A ओठद्धउ. 8 P S एय. 9 A वोल्लु. 10 A कयंजलि. 11 P भणते, s भणंते. 12 PS फालहिहिं, A फलिहिं.
1. 1 P S °कसणघण'. 2 P सहरसु. 3 A पाडिमयंदु. 4 s पेच्छए. 5 A °धूय.678 धवलउं. 7 PS जिणालउं. 8 P S तिवारउ.9 Ps भडारउ. 10 PS पासि, A सु. ६ [२०] १ भुल्ली. २ सुभटविषये निर्ग[ त ? ]सामेन (?) [१] १ आलिङ्गनम्.
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