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२४] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क०३,१-९,,-"
जंणीसरिउ राउ आणन्दें वुत्तु णवेप्पिणु भरह-परिन्दें ॥१ 'हउ मि देव पइँ सहुँ पवजमि.. दुग्गइ-गामिउ रज्जु ण भुञ्जमि ॥२ रज्जु असारु वारु संसारहों रजु खणेण णेइ तम्वारहों ॥ ३ रज्जु भयङ्करु इह-पर-लोयहाँ रजें गम्मइ णिच्च-णिगोयहों ॥४ रजें होउँ होउ महु सरियउ सुन्दरु तो किं पइँ परिहरियउ ॥ ५ रज्जु अकज्जु कहिउ मुणि-छेयहिँ दु?-कलत्तु व भुत्तु अणेयहिँ ॥ ६ दोसवन्तु मयलञ्छण-विम्वु व बहु-दुक्खाउरु दुंग्ग-कुडुम्वु व ॥७ तो वि जीउ पुणु रजहों कइ अणुदिणु आउ गलन्तु ण लक्खइ ।।८
॥ घत्ता
॥
जिह महुविन्दुहें कजे करहु ण पेक्खइ कक्करु । तिह जिउ विसयासत्तु रज्जे गउ सय-सकरु' ॥ ९
[४] भरहु चवन्तु णिवारिउ राएं 'अज वि तुज्झु काइँ तव-वाएं ॥ १ 15 अज वि रज्जु करहि सुहु भुञ्जहि अज वि विसय-सुक्खु अणुहुञ्जहि ॥ २
अज वि तुहुँ तम्बोलु समाणहि अज वि वर-उजाणइँ माणहि ॥ ३ । अज्जु वि अङ्गु स-इच्छऍ मण्डहि अज वि वर-विलयउ अवरुण्डहि ॥ ४ अज्ज वि जोग्गउ सबाहरणहों अज्ज वि कवणु कालु तव-चरणों ॥५ जिण-पवज होई अइ-दुसहिय के वावीस परीसह विसहिय ॥ ६ 20 के जिय चउ-कसाय-रिउ दुजय के आयामिय पञ्च महवय ॥७
के किउ पञ्चहुँ विसयहुँ णिग्गहु के परिसेसिउ सयलु परिग्गहु ॥ ८ को दुम-मूलें वसिउ वरिसालऍ को एक्कतें "थिउ सीयालऍ ॥९ के उण्हालऍ किउ अत्तावणु ऍउ तव-चरणु होइ भीसावणु ॥ १०
॥ पत्ता॥ भरह म वहिउँ वोल्लि तुहुँ सो अन्ज वि वालु। भुञ्जहि विस्य-सुहाइँ
को पवजहें कालु' ॥११ 3. 1 PS जा. 2 5 गमइ, A गम्मई. 3 s °णिग्गोयहो. 4 P S जइ सुंदरु. 5 PS omit. 6 P दुटु.7 A °दुक्खायरु. 8 4 दुट्ठ.9 P कंखए. 10 P लक्खए..
4. 1PS अज्जु. 2 P $ सवाणदि, A समाणहिं. 3 P S A माणहिं. 4 PS पवर विलय. 5 P 3 लोउ. 6 P A किं, s के. 7 PS A किं. 8 SA किं.9 P के, S किं. 10 PS एकंगि थियउ. 11 P उण्हालें कियउ अतावणु, किम आटावणु. 12 P वडिउ. .
[३] १ पूर्यतां पूर्यताम्. २ अवशाने अकार्यकरम् (2). 3 दश्चारिण्या इव. ४ दरिद्री. ५ शतखण्डम्.
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