SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 10. १८] सयम्भुकिउ पउमचरिउ [क०७,५-९, ८, १-६ [७] राय-चारु वलु वोलिउँ जाहिँ लक्खणु मणे आरोसिड ताहिँ ॥१ उद्विउ धगधगन्तु जस-लुद्धउ णाइँ घिएण सित्तु धूमद्धउ ॥२ णोइँ मइन्दु महा-घण-गजिएँ तिह सोमित्ति कुविउँ गमें सैजिएँ ॥३ 'के धरणिन्द-फणा-मणि तोडिउ के सुर-कुलिस-दण्डु भुएँ मोडिउ ॥ ४ . के पलयाणले अप्पउ ढोइउ के आरुटुंउ सणि अवलोइउ ॥५ के रयणायरु सोसेवि सकिउँ के आइच्चों तेउ कलङ्किउ ॥ ६ के महि-मण्डलु वाहहिँ टालिउ के तइलोक-चक्कु संचालिउ ॥ ७ के जिउ कालुं कियन्तु महाहवे को पहु अण्णु जियन्तऍ रोहवें ॥ ८ ॥ घत्ता ॥ अहवइ किं वहुएण भरहु धरेप्पिणु अजु । रामहाँ 'णीसावण्णु देमि सहत्थें रज्जु ॥९ [८] तो फुरन्त-रत्तन्त-लोयणो कलि-कियन्त-कालो व भीसणो ॥१ 1s दुण्णिवारु दुवार-वारणो सुउ चवन्तु जं एम लक्खणो॥२ भणइ रामु तइलोक-सुन्दरो 'पइँ विरुद्धे किं को वि दुद्धरो ॥३ जसु पडन्ति गिरि सिंह-णाऍणं कवणु गहणु तो भरह-राऍणं ॥४ कवणु चोजु जं दिवि दिवायरे अमिउ चन्दे जल-णिवहु सायरे ॥५ सोक्खु मोक्खें दय-धम्मु जिणवरे विसु भुयङ्गे वर लील गयवरे ॥ ६ 10 धणएँ रिद्धि सोहग्गु वम्महे . गइ मराले जय-लच्छि महुमहे ॥ ७ - पउरुसं च पइँ कुविऍ लक्खणे' भणेवि एम करें धरिउँ तक्खणे ॥ ८ ॥ धत्ता ॥ 'रजें किजइ काइँ तायहों सच्च-विणासें। "सोलह वरिसइँ जामै वे वि वसहुँ वण-वासें ॥९ 7. 1 P रायवाय, S रायवार. 2 P वोल्लिउ. 3 PS कुइउ. 4 A गमु. 5 PS किं. 6 s A किं. 7 P भुवि मोडिंउ, S उपाडिउ. 8 P S आरूढउ मणे. 9 PS सोसिवि, A सासे वि. 10 P घल्लिउ. 11 P °सकु. 12 P S काल°. 13 s जियंतें. 8. 1A दुण्णिवार. 2 P विरुद्धे. 3 P°णाइणा, 3 °णायणा. 4 PS रायणा. 5 दिवि corrected to दित्ति, A missing.6 P धणये, SA धणय. 7 PS पउरुसु कंपइ. 8 P धरिअउ.9 P S सचु. 10 P marginally जिणवर (२४) वरिसह जाम । वारह वा. 11 - वे वि. 12 A भमहं. 13 P वसहु, s भमहु, A ताव.. . [५] १ राज्ञा (2) प्रतिज्ञा-वचनानि ( Reading राय-वाय ). २ रामचन्द्रे. ३ समस्तम्. • [८] १ श्रुतम्, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy