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०५,४-२०,१०, १-१०
सुन्दरकण्डं-तिवण्णासमो संधि [२१' काहे जि मेह-दुग्मयं सुराउहं समुग्गयं ॥४ कहिं जि विज्जु-गज्जियं घणेहिँ के विसज्जियं ॥५ कहिं जे णीरज जलं वहावियं महीयलं ॥६
कहिं जें मोर केझ्यं वलाय-पन्ति-तेइयं ॥७ इय णव-पाउस-लील पदरिसिय थिर-थोरहिँ जल-धारहिँ वरिसिय ॥८ । वाय-सुएण वि वायवु पेसिउ तेण घणागमु सयलु विणासिउ ॥ ९
• ॥ घत्ता ॥ स-धउ स-सारहि स-तुरङ्गमु मोडिउ सन्दणु । पर एकल्लत
गउ णासेवि दहमुह-णन्दणु ॥ १०
[१०] भग्गएँ मेहवाहणे णियय-साहणे इन्दई विरुद्धो ।
मत्त-गइन्द-गन्धेणं मय-समिद्धेणं केसरि व कुद्धो ॥ १. 'मारुइ थाहि थाहि कहिँ गम्मइ सिरइँ समोड्डेवि रण-पंडु रम्मइ ॥२ रहवर-तुरय-सारि-संघडणहिँ मत्त-महग्गय-पासा-वडणेंहिँ ॥३ . कर-सिर-छेज्जहिँ पहरण-दाऍहिँ मरण-गहिँ खग-चर-संघाएहि ॥ ४ . सुरवहु-णह-सऍहिँ-परिचडिउ अच्छइ एउ जुज्झ-पडु मण्डिउ ।। ५ जो विहिँ जिणइ तासु लिह दिजइ जाणइ-धरणउ मेल्लाविज्जइ ॥ ६ जिम रामणहाँ होउ जिम रामहें। हउँ पुणु कुढे लग्गंउ णिय-मामहा ७ जिह उज्माणु भग्गु हउ अक्खड पहरु पहरु तिहँ आउ कुल-क्खर॥८ एम भणेवि समीरण-पुत्तहाँ इन्दइ मिडिउ समरे हणुवन्तहाँ ॥ ९ ।
। घत्ता ।। रावणि पावणि सङ्गामें परोप्परु भिडिया । उत्तर-दाहिण
णं दिस-गइन्द अन्भिडिया ॥ १०
5s समग्गयं, 6 P °थोरेहि, s 'थोरेहि. 7 P मोडिङ, A मोडिय.
10. 1 Ps begin with दुवई ॥. 2 P इंदइ, A इंद. 3 A खंधेणं. 4 PS णं केसरि. 5P 8 A गम्मइं. 6 PA रणमिडु. 7 PA रम्मइं. 8 P S करि. 9 A °दारेहिं. 10 P जुक पिडि, जुन्झु पिडि. 11 P A °धरणउं. 12 P s कुडि. 13 A लग्गडं. 14 . 15 PSभभिडिया.
[१] १ जलं विसर्जितं. २ शब्दितं. ३ बलाकापंक्तितेज. १०] १ सर्सि-पासा. २ सीता.
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