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क० १५,५०१०; १६, १–१०, १७, १] सुन्दरक ण्डं - एकूणपण्णासमो संधि [ २२९
सरे हंसाहयइँ व सयवत्तइँ ॥ ५ केस - विसंन्धुल धावन्त ॥ ६ इच्छमि चाइँ कवन्धइँ ॥ ७ च - दिसु सुहड- चियाइँ वन्तइँ ॥ ८ णं [तो] करमि अज्जु हलें पच ॥ ९
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॥ घत्ता ॥
इच्छमि दस वि सिरइँ णिवडन्तहूँ इच्छमि अन्तेहरु रोवन्तउ इच्छमि छिज्जन्तइँ धय-चिन्धइँ इच्छमि धूमेन्धारिज्जन्तहूँ जं जं इच्छमि तं तं सञ्चउ
जो आई राहव- केरउ • महु सहल -मणोरह - गारउ
तं णिसुणेवि विरुद्ध मणे लक्खण-राम-पसंसणेण
'मरु कहिँ त रामु कहिँ लक्खणु सम्भरु सम्भरु इट्ठा -देवउ ली लुमि तुह तणयहाँ णामहों एउ भणेपिणु रिउ पडिकूलें जालामालिणी विसंहुँ जालें विज्जुप्पह विज्जुज्जल- वयणी हयमुहि हिलिहिलन्ति उद्धाइय तं वलु णिऍवि तियहुँ भीसाणहुँ
तेहऍ विकाले पडिवण्णऍ asदेहि चित्तु ण कम्पिङ
Gar भयावउ पेक्खेवि पुलय-विसट्ट-भुउ
एहु अच्छइ अङ्गुत्थलउ । तुम्हहँ दुक्खहँ पोट्टल ' ॥ १०
[१६]
सुरवरं करि कुम्भयल-थर्णं । पजलिय - कोव हुआसणेण ॥ १ अज्जु पावें तर कुद्ध दसाणणु ॥ २ मंसु विवि भूअहँ देवउ ॥ ३ जिह ण होहि रामणहों ण रामहों ॥ ४ धीय मन्दोअरि सहुँ सूलें ॥ ५ कङ्काली करील -करवालें ॥ ६ दसणावलि रतुप्पल-णयणी ॥ ७ यहि गुलगुलन्ति संपाइय ॥ ८ कालु कियन्तु विमुच्च पार्ष्णहुँ ॥ ९
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॥ धत्ता ॥
विणु रामें विणु लक्खर्णेण । दिढ-वलेण सीलहों तणेंण ॥ १० [१७]
अणु वि सीय- दिढत्तर्णं । लग्गु पहुँ पवण- सुउ ॥ १
6 A विडुलु. 7 P धाह मुअंतर, धाह मुयंतर. 8 A वलवंतद्द 9s नायौ.
16. 1 Ps°मणे. 2 A सुरकरिकर कुम्भ 3Ps थणे. 4 PA तणउं. 5 Ps लुहेवि 6 8 घाइय अरि सहु पब्वलसूलें. 7Ps बिसहु, 4 वसहुं. 8 A कवाल° 9 P. विज्जलवणी corrected as विज्जुलवरवयणी. 10 P तियहुं भीसावहुँ, 3 नियहु भीसावहु, 4 तियह भीसाण. 11s पाणडु, 4 पाण.
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17. 1Ps तमुवसग्गु 2P भीसावणउं, s भीसावणड, A भयावणउं. 3Ps इ. 4 A दि. 5 P संस, 3 पसंसहो.
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