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क०११,८-१०, १२, १-८, १३, १-५] सुन्दरकण्डं-एकूणपण्णासमो संधि [ २२७ ज पैय-णेग्रु-घण-झङ्कार जं रेड्खोलिर-मोत्तिय-हारउ ॥८ जं कञ्ची-कलाव-पब्भारउ . जं विन्भम-भूभङ्ग-वियारउ ॥९
॥ घत्ता ॥ तं तेहेड रावण-केरल अन्तेउरु संचल्लियउ। णं सं-भमरु माणस-सरवरें कमलिणि-वणु पप्फुल्लियउ ॥१०
[१२] उण्णय-पीण-पओहरिहिँ • रावण-णयण-सुहङ्करिहिँ ।
लक्खिय सीयाएवि किह सरियहिँ सायर-सोह जिह ॥ १ णिम्मियलञ्छण ससि-जोण्हा इव तित्ति-विरहिय अमिय-तण्हा इव ॥ २ णिवियार जिणवर-पडिमा इव रइ-विहि विण्णाणिय-घडिया इव ॥ ३ ॥ अभयङ्कार छज्जीव-दया इव अहिणव-कोमल-वण्ण लया इव ॥ ४ स-पओहर पाउस-सोहा इव अविचल सवंसह वसुहा इव ॥५ कन्ति-समुज्जल तडि-माला इव सवं-सलोण उर्वहि-वेला इव ॥६ णिम्मल कित्ति व रामहों केरी तिहुअणु भ#वि परिट्टियं सेरी ॥ ७
॥ घत्ता ॥ अट्ठारह जुवइ-सहास' सीयहें पासु समल्लियई। णं सरवरें सियहें णिसण्णइँ सयवत्तइँ पप्फुल्लियइँ॥८
[१३] गम्पिणु पासें वईसरेंवि कवडे चाडु-सयइँ करेंवि ।
राहव-परिणि किसोयरिऍ संवोहिय मन्दोयरिऍ ॥ १ 'हले हले सीए सीएँ कि मूढी अच्छेहि दुक्ख-महण्णवे छूढी ॥२ हले हले सीएँ सीऍ करि वुत्तउ लइ चूंडउ कण्ठउ कडिसुत्तउ ॥ ३ हले हले सीऍ सीऍ जइ जाणहि लइ वत्थइँ तम्बोलु समाणहि ॥४ हले हलें सीऍ सीऍ सुंणु वयणइँ अङ्ग पसाहहि अञ्जहि णयण ॥५
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14 P s णेउर-रव-घण'. 15 P रंघोलिय', s रंघोलिर'. 16 A मं भमरु. ___12. 1 P °पोहरेहि, s °पओहरेहि. 2 P 'सुहंकरेहि, s सुहंकरहिं. PS A सरियहि, P सरियरु, before which वियसिय added marginally. 4 P होह, A मारियसोह. 5 P only तण्हा, corrected marginally as गिम्हतण्हा. 6 A णं जिणपडिमा. '7 P सुटु, s सुहू. 8 A उअहि°. 9 P परिट्ठी. 10 s सारी. 11 P समुल्लिअइ, s समुल्लियइ. .
13. 1 Ps किसोयरिए. 2 Ps मंदोयरियए. 3 s भई. 4 A अच्छहिं. 5 P चूडउं. 6 Pकडिसुत्तउं. 7 A जाणहिं. 8 P पण्णह, s पपणइं. 9A समाणहिं. 10 P सु correctedias सुय, सुणि.
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