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क०२, ४-९,३, १-९, ४,१] | सुन्दरकण्डं-अट्ठचालीसमो संधि [२९३ . जइयहुँ सुरवर-संतावणेण• हिय रामहों गेहिणि रामणेण ॥४ तइयहुँ पर-वल-दुईसणेण लङ्कहें चउदिसिहि विहीसणेण ॥५ परिरक्ख दिण्ण जण-पुज्जणिज णामेण एह आसाल-विज' ॥६ तं वयणु सुणेप्पिणु पवण-पुत्तु रोमश्च-उच्च-कञ्चुइय-गत्तु ॥७ पचविउ 'मरु मलामि मरटु तुज्झु वलु वलु आसालिएँ देहि जुज्झु ॥८
॥ घत्ता ॥ जं सयल-काल-गलगजिवउ मं जाउ मडफर-चजियउ । सा तुहुँ सो हउँ तं" एउ रणु लइ खत्तें जुज्झहुँ एक्कु खणु ॥९
[३] लउडि-विहत्थउ समरे समत्थउ । कवय-सणाहउ कइधय-णाहउ ॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥१ रह गय-वाहणु खञ्चिय-साहणु।
सीहु व रोक्कवि धाइउ कोकेवि ॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥२ परिहरेंवि सेण्णु खश्चेवि विमाणु एकलउ पर लउडिऍ समाणु ॥ ३ । 'वलु वलु भणन्तु अहिर्मुहु पयट्टु णं वर-करिणिहें केसरि विस? ॥ ४ ॥ णं महिहर-कोडिहें कुलिस-घाउ णं दव-"जालोलिहें जल-णिहाउ ॥५ एत्थन्तरें वयण-विसालियाएँ हणुवन्तु गिलिउ आसालियाएँ ॥६ रेहई मुह-कन्दरें पइसरन्तु णं णिसि-संभवें रवि अत्थवन्तु ॥७ वड्ढेवऍ लग्गु पचण्डु वीर संचूरिउ गय-घाऍहिँ सरीरु ॥८
॥ घत्ता॥ पेट्टहाँ अब्भन्तरें पइसरेवि वलु पैउरिसु जीविउ अवहरेंवि।। णीसरिउ पडीवउ पर्वणि किह महि ता.वि फा.वि विञ्झु जिह ॥९
[४] पडियासालिया जं समरङ्गणे ।
उद्विउ कलयलु हणुयहाँ साहणे ॥ तेन तेन तेन चित्तें ॥४॥१॥ 8' चउदिसहि, s चउदिसहि. 9 Ps देमि. 10 P s मडप्फरु. 11 P. omits. 128 जुज्छु तुहु.
3. 1 Ps कइय. 24 चिंते. 3 s छ॥. 4 P संचेवि. 5 PS एकऍ, marginally एकलउ; 8 एकह, A एक्कलउ. 6PS लउडिगए. 7 P अहिमह, A महिमहं. 8 PA करिणिहि. s करिणि.9 A पयह. 10 P °कोडिहिं, s 'कोडिहि. 11 P दावजलोलिहें, s दावजलोल्लिहे. 12 8 संभमे. 13.PS पचंड. 14 s पिट्टहो, A देहहो. 15 Ps पौरिसु. 16 A हणुवि. 17A omits.
4. 1 PES A पब्जिासालिया, P correcting as पडिया मासालिया. 2 A चिंते.
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