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कं०.५,२-१०, ६, १-१.] सुन्दरकण्डं-पञ्चचालीसमो संधि [ १९३ 'सिरिसइलु गैरेण णिहालियउ *णं करि करिणिहिँ परिमालियउ॥२ एक्केत्तहें एक पिविट्ठ तिय वर-वीण-विहत्थी पाण-पिय ॥३ णामेणाणङ्गकुसुम सुभुअ सस सम्वुकुमारहों खरहों सुअ ॥ ४ अण्णेक्केत्तहँ अण्णेक तिय. वर-कमल-विहत्थी णाइँ सिय ॥५. सौ पङ्कयराय अभङ्गयों सुग्गीवाँ सुअ सस अङ्गयहाँ ॥६ 'विहिँ पासेंहिं वे वि वरङ्गणंउ कुवलय-दल-दीहर-लोयणउ । ७ रेहइ सुन्दरु मज्झत्थु किह • विहिँ सञ्झहिँ परिमिउ दिवसु जिह ॥८ एत्थन्तर गुज्झु ण रक्खियउ हणुवन्तहों दूएं अक्खियउ ॥ ९
॥ धत्ता॥ 'खेमु कुसलु कल्लाणु जैउ सुग्गीवङ्गङ्गय-वीरहुँ। अकुसलु मरणु विणासु खउ खर-दूसण-सम्वुकुंमारहुँ' ॥ १०
कहिउ सव्वु तं लक्खण-राम-कहाण ।
देण्डयाइ मुणि-कोडि-सिला-अवसाणउं ॥१ तं सुणेवि अणङ्गकुसुम डरिय पङ्कयरायाणुराय-भरिय ॥२ - एकहें णं वजासणि पडिय अण्णेकहें रोमावलि चडिय ॥ ३ एक्कहें मणे णाई पलेवणउ अण्णेक्क, पुणु वद्धावणउ ॥४ एकहें सरीरु णिच्चेयणंउ अण्णेकहें ववगय-वेयणउ ॥ ५ . एक्कहें हियवउ पलु पलु ल्हसिउ अण्णेक्कहें पलु पलु ओससिउ ॥६.. एक्कहें ओहुल्लिउ मुह-कमलु । अण्णेकहें वियसिउ अहर-दलु ॥७ ॥ एकहें जल-भरिय.. लोयणइँ अण्णेक्कहे रहस-पलोयण ॥८ एकहें सरु वर-गेयहों तर्णउ अण्णेक्कहें कलुणु रुवावणउ ॥ ९ एकहें थिउ राउलु विमण-मणु अण्णेकहें वड्डइ णाइँ छणु ॥ १०
॥ घत्ता ॥ अद्धउ अंसु-जलोल्लियउ अद्धउ सरहसु रोमश्चियउ। 25
राउल पवण-सुयहों तणउँ णं हरिस-विसाय-पणच्चियउ ॥ ११ 4 A. omits this pāda. 5 P परिमालिअउं. 6 P एकंतहे, S इक्कत्तहि, A एक्केवहे. 7 PSA सम्ब'. 8 Ps कर 9 P A विहि, विह. 10 P S A वरंगणउं. 11 PS जिउ. 12 PS °कुमारहो. ___6. 1 Ps रडिय. 25°A पलेवणउं. 3 s A वद्धावणउं. 4 A निचेयणउं. 5 A वेयणउं. 6 P omits these padas.7A वरु. 8 A तणउं. 9 P रुयावणउ, S रुयावणउं, A रुवावणउं. 10 SA तणउं. [५] १ हनूमंतः. २ दूतेन. ३ पङ्कजरागा, सुग्रीवपुत्री, हनूवत-स्त्री.. [६] १ दण्डारण्ये चथागतादि-कोटिशिला-पर्यन्त-कथानकं सर्व निवेदितं. २ पूर्णिमा-दिनम्.
स. प. च० २५
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