________________
१२८ ] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क० ११,३-९,१२,१-९; २ -३ विहडप्फड भड सण्णद्ध के वि सम्माण-दाणु रिपुं संभरेवि ॥३ केण वि करेणं करवालु गहिउ केण वि धणुहरु तोणीर-सहिउ ॥ ४ केण वि मुसण्ढि मोग्गरु पचण्ड केण वि हुलि केणं वि चित्तदण्डु ॥ ५ णाणाविह-पहरण-गहिय-हत्थ सण्णद्ध सुहड रण-भैर-समत्थ ॥ ६ णीसरिउ सेण्णु परिहरेवि सङ्कणं वर्मवि लग्ग पायाल-लङ्क ॥७ रह-तुरय-गइन्द-णरिन्द-विन्द णं सु-कइ-मुहहाँ णिग्गन्ति सद्द ॥ ८
॥ घत्ता ॥ खर-दूसण-साहणु हरिस-पसाहणु अमरिस-कुद्धउ धाइयउ । : गयणङ्गणे लीयउणावइ वीयउ जोइस-चक्कु पराइयउ ॥ ९
[१२] जं दिट्ट णहङ्गण देणु-णिहाउ वलएवें वुत्तु सुमित्ति-जाउ ॥१ 'ऍउ दीसइ काइँ णहग्ग-मग्गें किं किण्णर-णिवह व चलिउ सग्गे ॥२ किं पवर पक्खि किं घण विसट्ट किं वन्दण-हत्तिऍ सुर पयट्ट' ॥३.
तं वयणु सुणेप्पिणु भणइ विण्हु "वल दीसइ वइरिहिँ तणउ चिण्हु ॥ ४ 15 खग्गेण विवाइउ सीसु जासु कुढे लग्गउ मञ्छुडु को वि तासु ॥५
अवरोप्पर ए आलाव जाव हक्कारिउ लक्खणु खरेण ताव ॥ ६ "जिह सम्वुकुमारहों लइय पाण "तिह पाव पडिच्छहि एन्त वाण ॥ ७ जिह लइउ खग्गु पर-णारि भुत्त तिह पहरु पहरु पुण्णालि-पुन्न' ॥ ८
॥घत्ता ॥ " एकेक-पहाणहुँ खरेंण समाणहुँ चउदह सहस समावडिय। - गय जेम मइन्दहों रिउ 'गोविन्दहों हकारेप्पिणु-अन्भिडिय ॥९
[१३] --एत्थन्तरें भड-कडमदणेण जोक्कारिउ रामु जणदणेण ॥ १ . 'तुहुँ सीय पयत्तें रक्खु देव हउँ धरमि सेण्णु मिग-जूहु जेम ॥ २ जवेल करेसमि सीह-णाउ तब्वेल एज धणुहर-सहाउ' ॥ ३ ... 11. 1 P A °दाण. 2 P रिउ. 3 A transposes 3 a and d. 4 A निम्मलु. 5 SA हलु. 6s कणय. 7 P भड. 8 5 वोमि. 9 s आइयउं, A धाइउ. ____12. 1 A किन्नरकम लहु चालेय सग्गि. 2 P सुणेविणु. 3 A तणउं. 4A वियारिउ 5 Ps कुडि. 6 PS तह एंत पडिच्छहि चाववाण; A पाव पव'.
13. 1 P S A तुहु. 2 S A जं वेल. 3 s °णाउं. 4 A तं वेलु. 5 A एजे. [१२] १ राक्षसबलं. २ भो बल. ३ आगच्छन्त. ४ हरेः. [१३] १ तस्मिन् प्रस्तावे त्वं आगमिष्य सि. ,"
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org