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क० ९९३-९, १०, १-९, ११, १.२] उज्झाकण्डं-सत्ततीसमो संधि [१२७ एकल्लउ गम्पिणु काइँ करहि रयणायरें संन्ने तिसाऍ मरहि ॥३ सन्ते वि महग्गएँ 'विसहें चडहि जिण अच्चिए वि संसारें पडहि ॥ ४ जसु सारहि फुडु भुवणेक्कवीरु सुरवर-पहरण-चड्डिय सरीरु ॥५ जग-केसरि अरि-कुल-पलय-कालु पर-वल-वगलीमुहु भुअ-विसालु ॥ ६ दुईम-दाणव-दुग्गाह-गाहु सुरकरि-कर-सम-थिर-थोर-वाहु ॥ ७ तेलोक-भुवग्गल-भडै तर्डक दुद्दरिसण भीसण जम-झडक्क ॥ ८
•॥ घत्ता ॥ तहाँ तिहुअण-मल्लहों सुर-मण-सल्लहों तियस-विन्द-संतावणहों। मैउ सम्वु सुहग्गइ पइँ ओलग्गइ गम्पि कहिजइरावणहों' ॥९
[१०] आयण्णेवि तं दसणाँ वयणु खरु खरउ पवोल्लिउ गुञ्ज-णयणु ॥ १ 'धिद्धिं लजिजइ सुपुरिसाहुँ पर एयइँ कम्मइँ कुपुरिसाहुँ ॥ २ साहीणु जीउ देहत्थु जाव किह गम्मइ अण्णहों पासु ताव ॥ ३ जाएं जीवें मरिएवढं में तो वरि पहरिउ वर-वइरि-पुॐ ॥४ जें लब्भइ साहुकारु लोएँ अजरामर को वि ण मंच-लोएँ।। ५ जिम भिडिउ अजु अरि-वर-समुद्दे जिम जणियं मणोरह सयण-विन्दे ॥ ६ •जिम असि-सबल-कोन्तेहिँ भिण्णु जिम जस-पडहउ तइलोके दिण्णु ॥७ जिम णहें तोसाविउ सुर-णिहाउ जिम महु मि अजु खय-कालु आउ ॥८
॥घत्ता॥ जिम सत्तु-सिलायलें. वहु-सोणिय-जलें धुउ परिहव-पडु अप्पणउ । जिम स-धउ स-साहणु स-भडु स-पहरण गउ णिय-पुत्तहाँ पाहुणउ'॥९
[११] तं णिसुणेवि णिय-कुल-भूसणेण लहु लेहु विसजिउ दूसणेण ॥ १ सण्णद्ध खरु वि वहु-समर-सूरु अप्फालेवि वलें संगाम-तूरु ॥२
9. 1 P एकेल्लउ, S एकिल्लउ. 2 s A करहिं. 3 P S जिणु. 4 A भडु. 5 PS करि'. 6 P वगलामुहूं, A गलामुहुं. 7 8 भुव. 8 PS दुहव. 9 A चडक. 10 A omits this pada. 11 A कंदावणहो. 12A मुउ. 13 P S A पइ. .
10. 14 जा जाएं जीवें मरियर्ड जे. 2 A पहरेवउ. 3 A मत्त. 4 A जिह. 5 P जेम, A जिव. 6 s जिणिय. 7A जिण्णु. 8 A रणे. 9 P महुं मि, A महु वि. 10 P जाउ. 11 P प्पणउं, S A अप्पणउं. 12 A सवाहणु. 13 S A पाहुणउं.
[९] १ विद्यमाने. २ वृषभे. ३ भटभंजन,
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