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क०१३,१-९,१,१-८]
उज्झाकण्डं-पञ्चतीसमो संधि [ १०७
दिण्णु पाणु पुणु मुहहों पियारउ चारण-भोग्गु जेम हेलुवारउ ॥ १ सिद्ध सिद्ध जेम सिद्धीहउ जिणवर-आउ जेम अइदीहउ ॥ २ पुणु अग्गिर्मउ दिण्णु हियइच्छिउ जिह सु-कलत्तु सु-णेहु स-इच्छउ ॥३ सुद्धइँ पुणु सालणइँ विचित्तइँ तिक्खइँ णाइँ विलासिणि-चित्तइँ ॥ ४ । दिण्ण' पुण तिम्मण. मणि?' अहिणव-कइ-वयाँ इव मिट्टई॥५ पच्छइ 'सिसिरु स-मच्छरु सुद्धउ दुट्ठ-कलत्तु जेम अइ-थद्धउ ॥ ६ पुण मय-सलिलु दिण्णु सीयाल णं जिण-वयणु पाव-पक्खालउ ॥ ७ लीलऍ जिमिय भडारा जाहिँ पञ्चच्छरिउ पदरिसिउ ताहिँ ॥८
॥ घत्ता । दुन्दुहि गन्धवाउ रयणावलि साहुक्कारु अण्णु कुसुमञ्जलि । पुण्ण-पवित्तइँ सासय-दूअइँ पञ्च वि अच्छरियइँ स इँ भू अ॥९
[३५. पञ्चतीसमो संधि ] गुत्त-सुगुत्तहँ तणेण पहावें रामु स-सीय परम-सम्भावें । देवेंहिँ दाण-रिद्धि खणे दरिसिय वल-मन्दिरें वसुहार पवरिसिय ॥ 15
[१] जाय महग्घ रयण सु-पगासइँ लक्खहँ तिण्णि सयइँ पञ्चासइँ ॥ १ वरिसेंवि रयण-वरिसु सइँ हत्थें रामु पसंसिउ सुरवर-सत्थें ॥२ 'तिहुवणे णवर एक्कु वलु धण्णउ दिव्वाहारु जेण वणे दिण्णउ' ॥३ मणे परितुदुइँ अमर-सया 'अण्णे दाणे किज्जइ काइँ ॥४ ॥ अण्णे धरिउ भुवणु सयरायरु अण्णे धम्मु कम्मु पुरिसायरु ॥५ अण्णे रिद्धि-विद्धि वंसुब्भउ अण्णे पेम्मु विलासु स-विब्भमु ॥ ६ अण्णे गेउ वे सिद्धक्खरु अण्णे जाणु झाणु परमक्खरु ॥७ अण्णु मुएवि अण्णु किं दिजइ जेण महन्तु भोगु पाविजइ ॥ ८
13. 1 P हलुभारउ, हलुयारउ. 2 P अग्गिनउ, A अग्गिमउं. 3 Pइच्छिउं. 4 P S सकलत्तु सणेहु. 5 A छुद्धई. 6 Ps वयणाई सुमिट्टइं. 7 A छुद्ध उ. 8 A जं. 9 P S °सलिसु. 10 P सीयालउं. 11 P°पक्खाललं. 12 A अञ्चरियई. •
1. 1 P °सुगुत्तहुँ, सुगुत्तहो. 2 A जाई. 3 A यरइं. 4 PSA धपणउं. 5 PA दिण्णउं. 6 A सविन्भउ. 7 This pāda missing in A. 8 s वयणु,
[१३] १ यतियोग्य प्राशुक रसाढ्यं च. २ स्तू(सू)प-मुद्गादि. ३ सघृतम्. ४ दधि मलाई-सह.. •५ गंधाव्यं प्राशुकं जलम्.
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