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- ७०] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
[क०६, १-९,७,१-९
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तहिँ वालऍ कलुणु पकन्दियउ वण-डिम्भउ णं परिन्दिया ॥१ - 'आयण्णहों वयणु वर्णस्सइहों गङ्गाणइ-जउण-सरस्सइहों ॥२
गह-भूय-पिसायहाँ विन्तरहों वण-जक्खहाँ रक्खहाँ खेयरहों ॥३ । गय-वग्घहों सिहाँ सम्वरहों रयणायर-गिरिवर-अलयरहों ॥४ गण-गन्धवहाँ विज्जाहरहों सुर-सिद्ध-महोरग-किण्णरहों ॥५ जम-खन्द-कुवेर-पुरन्दरहों वुह-भेसइ-सुक्क सणिच्छरहाँ ॥६ हैरिणङ्कहाँ अकहाँ जोइसों वेयाल-दइच्चा रक्खसहों ॥७ वइसाणर-वरुण-पहञ्जणहों तहों एम कहिजहाँ लक्षणों ॥८
॥ पत्ता ॥ वुच्चइ धीय महीहरहों दीहर-करहों वणमाल-णाम भय-जिय । लक्खण-पई सुमरन्तियएँ कन्दन्तियएँ वड-पायवे पाण विसज्जिय' ॥९
[७] एम भणेप्पिणु णयण-विसालऍ 'अंसुअ-पासउ किउ वणमालऍ ॥१ । सो जे गाइँ सइँ मम्भीसावइ णाइँ विवाह-लील दरिसावइ ॥२
णं दियवरु दाणहाँ हक्कारिउ णाइँ कुमारे हत्थु पसारिउ ॥३ -- गले लाऍवि हल्लावइ जाहिँ कण्ठे धरियालिङ्गेवि ताहिँ ॥४
एम पजम्पिउ मम्भीसन्तउ 'हउँ सो लक्खणु लक्खणवन्तउ ॥५
दसरह-तणउ सुमित्तिएँ जायउ रामें सहुँ वर्णवासहाँ आयउ' ॥ ६ 20 तं णिसुर्णेवि विम्भाविय णिय-मणे 'कहिँ लक्खणु कहिँ अच्छिउँ उवपणे॥७ ताम हलाउहु कोक्का लग्गउ भो भो लक्खण आउ कहिं गउ' ॥८
॥घत्ता॥ तं णिसुणवि महिहर-सुअएँ पुलइय-भुअऍ णडु जिह णश्चाविउ णिय-मणु। 'सहल मणोरहे अज्जु महु परिहूँउ सुहु(?) भत्तारु लहु जं लक्खणु' ॥९
6. 1 P परिदिअउं, s परिदियउं. 2 A वणासइहो. 3 A सरासहहो. 4 A गंधव्वमुणिहुं. 5 PS अंकहो, A अक्खहो. 6 This line missing in P. 7 A ताम. 8 A पइं.
7. 1 A सई भीसावइ. 2 A हक्लारइ. 3 P S कंटें धर आलिंगिय, A कंठे धरियालिंगिवि. 4 A तणउं. 58 वणवासें. 6 A विभारिय. 7 P S अच्छइ. 8 A में लक्खण वच्छ कहिं गउ. 9PS महीहर०. 10 PS णचिउ. 11 मणोहर. 12.missing in A.Me
[६] १ स्कन्धः(दः) कार्तिकेयः. २ चंद्रस्य (?). ३ रवेश्व (?). ४ भर्तारम्.. [७] १ वस्त्रपाशः,
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