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' ६२] सयम्भुकिउ पउमचरिउ
.[क० २,९,३, १-९,४,५-९
। धत्ता ॥ धणु अप्फालिउ पाउसेंण तडि-टङ्कार-फार दैरिसन्ते । चोऍवि' जलहर-हत्थिं-हड णीर-सरासणि मुक्क तुरन्तें ॥९
। जल-वाणासणि-घायहिँ घाइउ गिम्भ-णराहिउ रणे विणिवाइउ ॥१ ददुर रडेंवि लग्ग णं सज्जण णं णचन्ति मोर खल दुजम ॥२ णं पूरन्ति सरिउ अक्कन्दें णं कइ किलिकिलन्ति आणन्दें ॥३ णं परहुय विमुक्क उग्घोसें णं वरहिण लवन्ति परिओसें ॥४ णं सरवर वहु-अंसु-जलोल्लिय णं गिरिवर हरिसें गञ्जोल्लिय ॥५ " णं उण्हविअ दवग्गि विओएं णं णच्चिय महि विविह-"विणोएं ॥६
णं अत्थमिउ दिवायरु दुक्खें णं पइसरइ रयणि सइँ सुवावें ॥७ रत्त-पत्त तरु पवणाकम्पिय केण वि वहिउ गिम्भु' णं जम्पिय ॥८
॥ धत्ता ॥ तेहएँ कालें भयाउरऍ वेण्णि मि वासुएव-वलएव । तरुवर-मूले स-सीय थिय जोगु लएविणु मुणिवर जेम ॥ ९
[४] हरि-वल रुक्ख-मूलें थिय जाहिँ गयमुहु जक्खु पणावि ताहिँ ॥१ गउ णिय-णिवहाँ पासु 'वेवन्तउ 'देव देव पंरिताहि भणन्तउ ॥२ 'णउ जाणहुँ किं सुरवर किं णर किं विजाहर-गण किं किण्णर ॥ ३ 20 धणुधर धीर चडायउ उन्भेवि सुत्त महारउ णिलउ णिरुम्भेवि' ॥४
तं णिसुणेविणु वयणु महाइउ पूर्वणु मम्भीसन्तु पंधाइउँ ॥ ५ विञ्झ-महीहर-सिहरहों आइउ तक्खणे तं उद्देसु पराइउ ॥६ ताम णिहालिय वेण्णि वि दुद्धर सायर-वजावत्त-धणुद्धर ॥ ७ अवही-णाणु पउञ्जइ जाहिँ लक्खण-राम मुणिय मणे ताहिँ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ पेक्वेवि हरि-वल वे वि जण पूवण-जक्खें जय-जस-लुखें।
मणि-कञ्चण-धण-जण-पउरु पट्टणु किउ णिमिसद्धहाँ अखें ॥९ 8 PS दसिसंतउ.9 P S A चोइवि. 10 A सरासणु. 11 PS तुरंतर
3. 1s °वाणासण. 2 P घाइहिं, A °घाएं. 3 PS गिण्णु. 4PS विभुक्कु. 5 A उण्हविउ. 6 A पओएं. 7 PS अस्थविउ. 8.A के नरि. 9 P S कहिउ. 10 P उपिय. 11 A लएप्पिणु.
4. 1A वडाविउ. 2 A पूअणु. 3 PS पराइड. 4 P S A पेक्खिवि. [२] १ प्रेय.
३7१ बाणैः. २ नष्टाः. [४] १ कम्पमानः. २ रक्षां कुरु. ३ प्रकर्षेण राजितः ? ( Reading पराइउ ). ४ निमिषार्धेण
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