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क० ९,७-९, १०, १-९,११,१-६] वीसमो संधि
१६७ एम भणेवि महाहवें वरुणहाँ गहकल्लोलु भिडिउ णं अरुणहाँ ॥७ तहिं अवसर पवणञ्जय-सारें आयामवि हणुवन्त-कुमारें ॥८
॥ घत्ता
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णरवर-सिर-सूलें णिय-लङ्गले वेढेंवि धरिय कुमार किह । कम्पावण-सीलें पवणावीले तिहुवर्ण-कोडि-पएसु जिह ॥ ९
[१०] णिय-णन्दण-वन्धणण स-करुणहाँ पहरणु हत्थे ण लग्गइ वरुणहों ॥१ रावणेण उप्पऍवि णहङ्गण इन्दु जेम तिह धरिउ रणङ्गणे ॥ २ कलयलु घुटु हयइँ जय-तूर जलणिहि-सद्द सद्द-गय-दूर ॥ ३ । ताव भाणुकण्णेण स-णेउरु आणिउ णिरवसेसु अन्तेउरु ॥ ४ रसणा-हार-दाम-गुप्पन्तउ गलिय-घुसिण-कद्दमें खुष्पन्तउ ॥ ५ अलि-झङ्कार-पमुहलिजन्तउ णिय-भत्तार-
विओअ-किलन्तउ ॥ ६ अंसु-जलेण धरिणि सिञ्चन्तउ कज्जल-मलेण वय मइलन्तउ ॥ ७ तं पेक्खेंवि गझोल्लिय-गत्ते गरहिउ कुम्भयण्णु दहवत्तें ॥ ८
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॥ घत्ता॥
'कोमिणि-कमल-वणइँ सुअ-लय-भवणइँ महुँअरि-कोइल-अलिउलइँ। एयइँ सुपसिद्ध वम्मह-चिन्धइँ पालिजन्ति अणाउलइँ'॥९
[११] तं णिसुणेवि स-डोरु स-णेउरु रविकण्ण मुकु अन्तेउरु ॥१ गउ णिय-णयह मडप्फर-मुक्कउ करिणि-जूहु णं वारिहे चुक्कउ ॥२ 20 कोकावेप्पिणु वरुणु दसासें पुजिउ सुर-जय-लच्छि-णिवासें ॥ ३ 'अवलय में तुहुँ करहि सरीरहाँ मरणु गहणु जउ सवहाँ वीरहाँ ॥४ णवर पलायणेण लजिजइ जें मुहुँ णामु गोत्तु मइलिजई' ॥५ दहवयणहों वयहिँ स-करुणें चलण णवेप्पिणु वुच्चइ वरुणें ॥ ६ 4 P हणुअंत', S हणुवंतु. 5A तिहुअणे. ____10. 1 A °सूरइं. 2 P मणोवर corrected to मणोउरु. 3 PS मलिण. 4 P घयई corrected to वयई, 5 धयइ. 5A महुअर.
11. 1 PS मडप्फरु. 2 P वारिहे, 5 वारिहि, A वारिहिं. 3 P S जयसि रिलच्छि. 4 A अवलू. 5 PS मंत करेहिं. 6 PS महु गोत्त गाउ.7A वयणेण. २ राहु. ३ सूर्य-सारथिना सह.
[१०] १ वदनानि. २ तं अन्तःपुरम्. ३ कामिन्यः कमलवनानि शुका लतागृहाणि चेत्यादीनि सर्वाणि प्रत्येक कामचिहानि. ४ अनुकूलभूतानि खस्थानि.
[११] १ कुम्भकर्णेन. २ गर्तायाः सकाशात्. ३ चित्तखेदं मा कार्षीः.
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