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पउमचरिउ [क० ११,५-९, १२, १-१२ 'धणय-कियन्त-सक्क में वकिय सहसकिरण-णलकुवर वसिकिय ॥ ७ तासु भिडइ जो सो जि अयाणउ अजहाँ लग्गेवि तुहुँ महु राणउ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ अण्णु वि ससि-वयणी कुवलय-णयणी महु सुय णामें सच्चवइ । करि ताएँ समाणउ पाणिग्गहणउ . विजाहर-भुवणाहिवई' ॥ ९
कुसुमाउहकमला वह-णयणें परिणिय वरुण-धीय दहवयणें ॥१ पुप्फ-विमाणे चडि आणन्दें दिण्णु पयाणउ जयजय-सवें ॥२
चलियइँ णाणा-जाण-विमाणइँ रयण' सत्त णवद्ध-णिहाणइँ॥ ३ 1" अट्ठारह सहास वर-दारहुँ अद्धछट्ठ-कोडीउ कुमारहुँ ॥ ४
णव अक्खोहणीउ वर-तूरहुँ (णरवर-अक्खोहणिउ सहासहुँ॥ ५ अक्खोहणि णरवर-गय-तुरयहुँ) अक्खोहणि-सहासु चउ-सूरहुँ ॥ ६ लङ्क पइर्ट्स सुट्ट परिओसें मङ्गल-धवलुच्छाह-पघोसें ॥७
पुजिउ पवण-पुत्तु दहगीवें दिजइ पेउमराय सुग्गीवें ॥८ 15 खरेंण अणङ्गकुसुम वय-पालिणि णल-णीलेहिँ धीय सिरिमालिणि ॥९
अट्ठ सहास एम परिणेप्पिणु गउ णिय-णयह पसाउ भणेप्पिणु ॥ १० सम्वु कुमारु वि गउ वणवासों खग्गों कारणे दिणयरहासहों ॥ ११
॥ घत्ता ॥ सुग्गीवङ्गङ्गय णल-णील वि गय खर-दूसण वि कियस्थ-किय । 2. विजाहर-कीलऍ णिय-णिय-लीलऍ पुरइँ स इं भु अन्त थिय ॥ १२ . इय 'विज्जा हर क ण्डं' वीसहिँ आसासएहिँ मे सिटुं। एहि "उज्झा कण्ड
साहिज्जन्तं णिसामेह ॥ धुवरायवत इयलु
अप्पणत्ति णत्ती सुयाणुपाढेण (2)। णामेण सोऽमिअव्वा
सयम्भु-घरिणी महासत्ता ॥ 25 तीए लिहावियमिणं
वीसहिँ आसासएहिँ पडिवद्धं । 'सिरि-विजाहर-कण्ड' कैण्डं पिव कामएवस्स ॥
॥ इइ पढमं विजाहरकण्डं समत्तं ॥ 8 P S 'इंद. 9 P रणि जें जिय, S रणि जं जिय. 10 A भुभण'. ____12. 1 A चडि वि. 2 PS णिवद्ध. 3 PS कुमारहो, A कुमारहु. 4 PS 'तूरहु, A तुरहुं. 5 P S अक्खोह णिहु. 6 wanting in A. 7 PS पइट्ठ. 8 s कि. 9 P एण्हिमउज्झाकंडं. 10 s धुय written above the line in a different hand and then रायधोवतइयलुअप; A धुअरायधोयतइलुअपत्तिणतीसुआणुपाढेण. 11 P सामिअन्त्र. 12 P s महासत्त. 3 P A wanting.
[१२] १ कामलक्ष्मी वरुणषुत्री. २ पण्डितलोचनेन रावणेन. ३ अन्तःपुरी १८०००. ४ कुमाराः ५५०००००० ५ पद्मराग-सुता. ६ संधीसु. ७ हनूवंतस्य (?).
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