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एगुणवीसमो संघि
सासुआण सुण्हाण जणे सुपसिद्धइं।
एकमेक-वइराइँ अणाइ-णिवद्धई ॥१ भत्तारु भणेसइ जं दिवसु विरुआरी होसइ तं दिवसु' ॥२ वयणेण तेण मन्तिहे तणेण आरुढ पसण्णकित्ति मणेण ॥ ३ 'किं कन्तऍ णेह-विहूणियएँ किं कित्तिएँ वइरिहिँ जाणियऍ ॥४ किं सु-कहऍ णिरलङ्कारियएँ किं धीयऍ लञ्छण-गारियएँ ॥५ घरे अञ्जण समरङ्गणे पवणु गम्भों संवन्धु एत्थु कवणु' ॥६ तं णिसुणेवि गरेण णिवारियउ पडहउ देप्पिणु णीसारियउ॥७ वणु गम्पि पइदर भीसणउ धाहाविउ पहणेवि अप्पणउ ॥८ 'हा 'विहि हा काइँ कियन्त किउ णिहि दरिसेंवि लोयण-जुयलु हिउँ' ॥९
॥ पत्ता ॥ विहि मि कलुणु कन्दन्तियहिँ वणे दुक्खें को व ण पेल्लियउ । सच्छन्देहिं चरन्तऍहिँ हरिणेहिँ वि दोवउ मेल्लियउ ॥ १०
[६] वारवार सोआउर रोवइ अञ्जणा ।
'का वि जाहिँ मइँ जेही दुक्खहँ भायणा ॥१ सासुअऍ हयासऍ परिहविय हा माएँ पइँ वि णउ संथविय ॥ २ हा भाइ-जणेरहों णिदुरहाँ णीसारिय कह रुयन्ति पुरहों ॥३ कुलहर- पइहरहि मि दइयहु मि पूरन्तु मणोरह सबहु मि' ॥४ गन्भेसरि जउ जउ संचरइ तउ तउ रुहिरहों छिल्लरु भरइ ॥५ तिस-भुक्ख-किलामिय चत्त-सुह गय तेत्थु जेत्थु पलियङ्क-गुह ॥६ तहिं दिट्ठ महारिसि सुद्धमइ णामेण भडारउ अमियगइ ॥७ अत्ताव॑ण-सावें तावियउ छुडु में छुडु जोग्गु खम्माविर्यउ ॥ ८ तहिँ अवसरें वे वि पदुक्कियउ णं दुक्ख-किलेसहिँ मुक्कियउ ॥९ ॥
॥घत्ता॥ चलण णवेप्पिणु मुणिवरहों अञ्जण विण्णवइ लुहन्ति मुहु।
'अण्ण-भवन्तरे काइँ मइँ किउ दुक्किउ “जे अणुहवमि दुहु' ॥१० 5. 1 PS 'याए. 2 P सवरंगणे. 3 P S हउ. 4 PS चरंतेहिं. 5 P दोबउ, 8 दुबो. 6. 1A अंजण. 2 P हिं, SA णाहि. 3 P महि. 4 s A भायण. 5s मइ. 6 PS पहहरविहि दइवहु मि.7 P रुहेरुहो, रुहेरुहे. 8 PS परिकु. 9 PS मातावण'. 10 PS छुड छुड जे. 11 P A जोग्ग, s जोगु. 12 PSA खमाविभउ. 13 P किलेसहो. 14 जं. [५] १ मन्त्री (?). २ दूर्वा. [६] १ अतिकोमलाङ्गी.
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