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पउमचरिउ [क०७,९८, १-६,९,१-९
॥ पत्ता । आऍहिँ आलाहिँ कुविउ रु थिउ भीसणु उक्खय-खग्ग-करु । 'किं क्यणेहिँ वहुऍहिँ वाहिरेंहिँ रिउ रक्खउ विहि मि लेमि सिर॥९
[८] । कडु-अक्खरेण परिभासिरेण करें धरिउ पहञ्जणु पहसिएण ॥१ 'जं करि-सिर-रयणुजलिय(?) देव तं असिवरु मइलहि एत्थु केम ॥२ लज्जिजहि वोल्लहि णाइँ मुक्खु' णिउ णिय-आवासहों दुक्खु दुक्खु ॥३ दस-वरिस-सरिस गय रयणि तासु रवि उग्गउ पसरिय-कर-सहासु ॥४ कोकावेवि णरवइ पवर वर(१) हय भेरि पयाणउ दिण्णु णवर ॥५ ॥ अञ्जणसुन्दरिहें तुरन्तएण उम्माहउ लाइउ जन्तएण ॥ ६ संचल्लंई पउ पउ जेम जेम कपिज्जइ हियवउ तेम तेम ॥ ७ तेहएँ अवसरे वहु-जाणंएहिँ कर-चरण धरेप्पिणु राणएहिँ ॥८
॥ पत्ता ॥ वलि-चण्ड मैण्ड परियत्तियउ तेण वि उवाउ परिचिन्तियउ । 'लई एकवार करयले धरेव पुणु वारह वरिसइँ परिहरेक्'ि ॥ ९
[९] तो दुक्खु दक्खु दुम्मिय-मणेण किउ पाणिग्गहणु पहञ्जणेण ॥१ थिउ वारह वरिसइँ परिहरेवि णवि सुअइ आलवइ सुइणवे(?) वि॥२
वारे वि ण जाइ ण(?) जेम जेम खिजइ झिंजई पुणु तेम तेम ॥ ३ 20 डझन्तउ उरु विरहाणलेणणं वुज्झावइ अंसुअ-जलेण ॥४
परिवार-भित्ति-चित्ताइँ जाइँ णीसास-धूम-मलियाइँ ताइँ ॥५ ढिल्लई आहरण परियलन्ति णं णेह-खण्ड-खण्डइँ पर्डन्ति ॥ ६ गउ रहिरु णवर थिउ अंइणु अत्थि णउ णावइ जीविउ अस्थि णस्थि ॥७ तहिँ तेहऍ काले दसाणणेण सुरवर-कुरङ्ग-पश्चाणणेण ॥८
॥घत्ता ।। जो दुम्मुहु दूउ विसजिय सो आयउ कप्प-विवजियउ ।
हय समर-भेरि रहवरें चडिउ रणे रावणु वरुणहों अभिडिउ ॥ ९ 4 s आयहे. 5 PS A वहुअहि.
8. 1 PS A कोक्काविवि. 2 A जं अंजण'. 3 P s मंडइ, A बलिवंडइ मंडइ. 4 A लए. 5 PS A धरेवि.
9. 1A दुक्ख दुक्ख. 2 A ण. 3A आलाव. 4A जेण. 5 P झिजइ marginally corrected to सिजइ. 6 P तेव तेव. 7 PS दिल्लइ, A दिल्लउ. 8 A गलंति.9 PS अजिणु, 10 PS रहवर. [९] १ प्रस्वेदति (v. 1. सिज्जइ). २ चर्मास्थि.
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