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क० १०, १-९,११,१-९] अट्ठारहमो संधि
[१०] एत्थन्तरें वरुणहाँ णन्दणेहिँ समरङ्गणे वाहिय-सन्दणेहिँ ॥१ 'राजीव-पुण्डरीएहिँ पवर खर-दूसण पाडेंवि धरिय णवर ॥२ गय पवण-गमणे 'केण वि ण दिटुं सहुँ वरुणें जल-दुग्गमें पइट्ठ ॥ ३ 'सालयहुँ म होसइ कहि मि घाउ' उवेढेंवि गउ रयणियर-राउ ॥४ णीसेस-दीव-दीवन्तरीहुँ लहु लेह दिण्ण विजाहराहुँ ॥ ५ अवरेक्कु रणगणें दुजयासु पट्टविउ लेहु पवणञ्जयासु ॥ ६ ॥ तं पेक्खेवि तेण वि ण किउ खेउ णीसरिउ स-साहणु वाउ-वेउ ॥ ७ थिय अञ्जण कलसु लएवि वार णिभच्छिय 'ओसरूँ दुदु दारें ॥८
॥ घत्ता ॥ तं णिसुणेवि अंसु फुसन्तियएँ वुच्चइ लीहउ कडन्तियएँ । 'अच्छन्तें अच्छिउ जीउ महु जन्तें जाएसइ पइँ जि सहुँ' ॥९
[११] तं वयणु पडिउ णं असि-पहारु अवहेरि करेप्पिणु गउ कुमार ॥१ माणस-सरवरें आवासु मुक्कु अत्थवणों ताम पयङ्गु दुक्कु ॥२ ॥ दिट्ठइँ सयवत्तइँ मउलियाइँ पिय-विरहिय-महुअरि-मुंहलियाइँ ॥ ३
चक्की वि दिट्ट विणु चक्करण वाहिजमाण मयरद्धएणं ॥४ विहुणन्ति चञ्च पङ्खाहणन्ति विरहाउर पक्कन्दन्ति धंन्ति ॥ ५ तं णिऍवि जाउ तहों कलुण-भाउ 'मइँ सरिसउ अण्णु ण को वि पाउ ॥ ६ ण कयाइ वि जोइउ णिय-कलत्तु अच्छइ मयणग्गि-पलित्त-गत्तु ॥ ७ ॥ परित्तेवि संमाणिउ ण जाम रणे वरुणहाँ जुज्झु ण देमि ताम' ॥८
॥ घत्ता॥ सब्भाउं सहायहाँ कहिउ पुणु पहसिऍण वुत्तु 'ऍह परम-गुण । उप्पऍवि णहङ्गणे वे वि गय णं सिय-अहिसिञ्चणें मत्त गय ॥९
10. 1 PS °गवण. 2 PS इट्ठ. 3 P सालयहु, 5 साल यहो, A सालयहं. 4 PS रयणी यराउ. 5A °दीवंतराह. 6 PS लेहु दिण्णु. 7 A विजाहराह. 8 A सरु. 9 PS पुसतियए.
11. 1 PS चक्कवेण, 2 PS मयरद्धवेण, A रद्धए. 3 P S ए कंदति. 4 Ps करुण. 5 Ps महु. 6 P परिअंत्तेवि, s परिभत्तिवि. 7 PS सम्भाव.
[१०] १ राजी[व]-पुण्डरीको पुत्रौ. २ केनापि न दृष्टः. ३ विलम्बम्. [११] १ शब्दं कुर्वाणाः. २ धावन्ती.
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