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क० ५, ७-९;६, १-८,७,१-९] पण्णरहमो संधि
१२३ तं णिसुणेवि जमण व जोइयउ कुचर कुञ्जरहों पचोइयउ ॥ ७ आसण्णे चोऍवि विगय-भउँ परवइ णिडालें कोन्तेण हउ ॥ ८
॥ धत्ता ॥ जाम भयङ्कर असिवर-कर पहरइ मच्छर-भरियउ । ताम दसासैंणं आयासैंण उप्पएवि पहु धरियउ ॥ ९
[६] णिउ णिय-णिलयहाँ मय-वियलियउ णं मत्त-महागउ णियलियउ ॥१ 'मा मइ मि धरेसइ दहवयणु' णं भइयएँ रवि गउ अत्थवण ॥ २ पसरिउ अन्धारु पमोकलउ णं णिसिऍ घित्त मसि-पोट्टलउ ॥ ३ ससि उग्गउ सुट्ट सुसोहियउ णं जग-हरें दीवउ वोहियउ ॥४ सुविहाण दिवायरु उग्गमिउ णं रयणिहिँ मइयव भमिउ ॥ ५ तो णवर जवचारण-रिसिहे सयकरहों 'विणासिय-भव-णिसिह ॥६ गय वत्त 'सहासकिरणु धरिउ' चउविह-रिसि-सड़े परियरिउ ॥७
॥ घत्ता ॥ रावणु जेत्तहें गउ (सो) तेत्तहें पञ्च-महावय-धारउ । दिट्ट दसासेंण सेयंसेंण णावइ रिसहु भडारउ ॥८
[७] गुरु वन्दिय दिण्णइँ आसण. मणि-वेयडियइँ सुह-दंसगइँ ॥ १ मुणि-पुङ्गउ चवइ विसुद्धमा 'मुऍ सहसकिरणु लङ्काहिवइ ॥२ ऍहु चरिमंदेहु सामण्णु ण वि महु तणउ भव-राईवं-रवि' ॥३ तं णिसुणेवि जम-कम्पावणेण पणवेप्पिणु वुच्चइ रावणेण ॥ ४ 'महु एण समाणु कोउ कवणु पर पुंजहें कारणे जाउँ रणु ॥ ५ अजु वि एहु जे पहु सा 'जि सिय अणुहुञ्जउ मेइणि जेम तिय ॥ ६ तं णिसुणेवि सहसकिरणु चवइ 'उत्तमहाँ एउ किं संभवइ ॥७. तं मणहर सलिल-कील करेंवि पइँ समउ महाहवे उत्थरेवि ॥८
॥ घत्ता ॥ एवहिँ आयएँ विच्छायएँ राय-सियऍ किं किजइ ।
वरि थिर-कुलहर अजरामर सिद्धि-बहुवे परिणिज्जई' ॥९ । 7 SA गयघडउ; also noted marginally in P. 8 A °वरु. 9 P 8 दसाणणेण.
6. 1 s जिउ. 2 PS गउ रवि. 3 P णिसिपधित्तु. 4 A मइयवड्ढ. 5 A सहसकरणहो णासिय. 6 This pāda missing in A. 7 PS दसाणणेण.
7. 1 PSA भासणाई. 2 °दसणाई. 3 PS चरम. 4 PS राजीव. 5 P A पुजए, पुजइ. 6 A हूउ. 7 A सो जि. 8 PS महाहउ.9 Ps वर. 108 कुलयर. 11 PS वहुय.
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