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क० १, ५–९, २, १–९; ३, १-५ ]
उद्धाइय मच्छर-मलिय-कर सहसयरु वि जुवइहिँ परियरिज ताणन्तरें तूरइँ णिसुणियइँ 'परमेसर पारकर पडिउ
जं जुज्झ सज्जु थिउ लेवि धणु मम्भसि राएं वुण्ण-मणु एक एकेक जें करु अच्छों भुव-मण्ड वसरें वि जा दलम कुम्भि कुम्भत्थलइँ जा खणमि विसाइँ पवराइँ जा कम कर - सिर- मोत्तियइँ जा फार्डमि फरहरन्त धयइँ
परहमो संधि
तं णिसुणेपिणु धणु करें लेप्पिणु थिङ समुहाणणु णं पञ्चाणणु
एत्थन्तरें आरोडिङ भर्डेहि सो एक अणन्तर जइ वि वलु जं लइ अखत्तें सहसय रु 'अह अह अणी ' रक्खेहिँ किय पहरणइँ पवण-गिरि-वारि-हेवि
भीसावण-पहरण-नियर-धर ॥ ५ छुड जे छु सलिलहों णीसरिउ ॥ ६ पणवेणुभिहिँ पिसुणियइँ ॥ ७ लइ पहरणु समरु समावडिउ' ॥ ८ ॥ धत्ता ॥
णिसियर - पवर-समूहों ।
इँ मा -- जूहों ॥ ९
॥ घत्ता ॥
एम भणेपिणु "तं धीरेष्पिणु ras रहवरें चडियउ । जुवइहुँ कैरुण (?) X Xx विणुं अरुण णाइँ दिवायरु पडियउ ॥ ९
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तं रिउ असेसु विजुवइयणु ॥ १ 'किं अण्ण गाउँ सहसकिरणु ॥ २ परिरक्खइ जइ तो कवणु डरु ॥ ३ जिह करिणिउ गिरि-गुर्ह पइसरेवि ॥ ४ होसन्ति कुडुम्विहिँ उक्खलइँ ॥ ५ होसन्ति पर्यहों पेचवरराइँ ॥ ६ होसन्ति तुम्ह हारतियइँ ॥ ७ होसन्ति वेणि-वन्धण-सयइँ ॥ ८
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[३] णं केसरि मत्त हत्थ-हडेंहिं ॥ १ पफुल तो वि तहों मुह- कमलु ॥ २ तं चवि परोप्परु सुर-पवरु ॥ ३ एक्कु ऍ वहु अण्णु-वि गयणें थिय ॥ ४ आएहिँ सरिस जैर्णे भीरु ण वि ' ॥ ५
6P णीसरिअउं, sणीसरिअउ 7 P पडिअड़ं, 8 पडिअड. 8 A तें धणु.
2. 1P समु, SA सज्झु 2Ps °मंडप 3P गुहे. 4 Ps पयहुं. 5Ps A पचाव राई. 6 Ps मोतिया. 7Ps हारतियाई. 8s जिं. 9Ps पाडमि. 10 P जुबईहिं, s जुब इहिं. 11 Ps कारणेण.
3. 1Ps अणित्ति 2P रक्खेसहिं. 3P एकहे, s येकुहे. 4 A अब्जए. 5Pg जण.
[२] १ ओखली. २ दन्तूसल. ३ मुसल. ४ हारघटना. ५ अन्तःपुरम्. ६ विना सारथि. [३] १ राक्षसैः २ अग्निरायुध ( ? ).
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