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२०१०,९,११,१-५, १२, १-९] चउदहमो संधि .
॥ घत्ता ॥ अरमिय-रामहों णिरु णिक्कामहों आरूसँवि परम-जिणिन्दहों। पुज हरेप्पिणु पाहुडु लेप्पिणु गय णावइ पासु समुद्दहों ॥ ९
[११] तहि अवसरे जे किङ्कर धाइय ते पडिवत्त लएप्पिणु आइय ॥ १ ॥ कहिय सुणन्तहाँ खन्धावारहों 'लइ एत्तडउ सारु संसारहों ॥२ माहेसरवइ णर-परमेसरु सहसकिरणु णामेण णरेसरु ॥३ जा जल-कील तेण उप्पाइय सा अमरेहि मि रवि ण णाइय ॥४ सुबइ कामु को वि किर सुन्दर . सुरवइ भरहु सयर-चक्केसरु ॥ ५ महवा सणङ्कमारु ते सयल वि णउ पावन्ति तासु एक्क-यल वि ॥ ६ ॥ का वि अउव लील विम्माणिय धम्मु अत्थु विणि वि परियाणिय ॥७ काम-तत्तु पुणु तेण जें णिम्मिउ अण्ण रमन्ति पसव-कोदूमि ॥८
॥घत्ता ॥ मई पहवन्तेण भुयणे तवन्तण गर्यणत्थु पयङ्गु ण णा(भा?)वइ । एण पयारेण पिय-वावारण थिउ सलिलें पईसेंवि णावई' ॥९॥
[१२] अवरेकेण वुत्तु 'मई लक्खिउ सच्चउ सव्वु एण जं अक्खिउ ॥१ जं पुणु ताँ केरउ अन्तेउरु णं पञ्चक्खु जे मयरद्धय-पुरु ॥ २ णेउर-मुरयहुँ पेक्खणया-हरु लायण्णम्भ-तलाउ मणोहरु ॥३ सिर-मुह-कर-कम-कमल-महासरु मेहल-तोरणाहँ छण-वासरु ॥४ थण-हत्थिहिँ साहारण-काणणु हार-सग्ग-वच्छहों गयणङ्गणु ॥५ अहर-पवाल-पवालायायर दन्त-पन्ति-मोत्तिय-सद्दणयरु ॥६ जीहा-कलयण्ठिहिँ णन्दणवणु कण्णन्दोलयाह वेत्तत्तणु ॥७ लोयण-भमरहुँ केसर-सेहरु भमुहा-भङ्गहुँ णट्टावय-घर ॥८ ॥ घत्ता ॥
। काइँ वहुत्तेण [पुण]पुणरत्तेण मयणग्गि-डमरु संपण्णउ । ‘णरहुँ अणन्तहुँ मण-धण-वन्तहुँ धुउ चोर चण्डु उप्पण्णउ' ॥९ 11. 1 P सुणंतह. 2 Ps कासु. 3 P सयरु, सरु. 4 PS मध3. 5A जिम्माणिय. 6 P परिमाणिय. 7s °कोडमिउ, A °कोदूसिउं. 8 A नइ. 9 P पवहंतएण, 5 एकहंतएण. 10 P S गयणस्थ.. ___12. 1 P अक्खिउं. 2 P सिरि corrected to सिर, S सिरि. 3 s तोरणाई. 4 PS चित्तत्तणु. 5 Ps कांइ. 6 A °डमर. 7 P S A संपण्णउं. 8 A चोरवंदु. 9 P A उप्पण्णउं. ३ न रमिता रामाः स्त्रियो येन परमेश्वरेण. [११] १ खण्डमेकम्. २ सुरतम्. ३ न शोभते. [१२] १ साधारण-नाम-देशः,
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