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पउमचरिउ [क०८,८-९,९,१-९,१०,१-८ इत्थु पंवाहुँ मणोहर-वन्तउँ जो जुवइहिं गुज्झन्तु वि पत्तउ ॥ ८
॥ घत्ता ॥ जेण खणन्तर सलिलब्भन्तर गलियंसु-धरण-वावारऍ। सरहढं ढुक्कउ माणेवि मुक्कउ अन्तेउरु एक्कएँ वारऍ' ॥९
[९] रावणो वि' जल-कील करेप्पिणुः सुन्दर सियय-वेइ विरएप्पिणु ॥१ उपरि जिणवर-पडिम चडावेवि विविह-विताण-णिवहु वन्धावेवि ॥२ तुप्प-खीर-'सिसिरेंहिँ अहिसिश्चेवि णाणाविह-मणि-रयणेहिँ अञ्चेवि ॥ ३ णाणाविहहिं विलेवण-भेऍहिँ दीव-धूव-वलि-पुप्फ-णिवेऍहि ॥ ४. "पुज करेंवि किर गायई जाहिँ जन्तिएहिँ जलु मेल्लिउ ताहिँ ॥ ५ पर-कलत्तु संकेयहाँ ढुक्कउँ गाइँ वियड्डहिँ माणेवि मुक्कउँ ॥ ६ धाइउ उहय-तडइँ पेल्लन्तउ जिणवर-पवर-पुज्ज रेल्लन्तउ ॥ ७ दहमुहुँ पडिम लेवि विहडप्पडु कह वि कह वि णीसरिउ वियाव? ॥८
॥ घत्ता ॥ " भणइ ‘णरेसहाँ तुरि गवेसहाँ किउ जेण एउ पिसुणत्तणु । किं वहु-वुत्तेण तासु णिरुत्तेण दक्खवमि अज्जु जम-सासणु'॥९
[१०] तो एत्थन्तरें लद्धाएसा __गय मण-गमणाऽणेय गवेसा ॥१ रावणेण सरि दिट्ठ वन्ती मुय-महुयर-दुक्खेण व जन्ती (2) ॥२ चन्दण-रसेण व वहल-विलित्ती जल-रिद्धिऍ णं' जोवणइत्ती ॥३ मन्थर-वाहेण व वीसत्थी जच्च-पट्टवत्थ' व 'णियत्थी ॥४ वीणाहोरण व पङ्गुत्ती वालाहिय-णिदाएँ व सुत्ती ॥५ मल्लिव-दन्तेहिँ 4 विहसन्ती 'णीलुप्पल-णयणहिँ व णिएन्ती ॥६ वउल-सुरा-गन्धेण वै मत्ती केयइ हत्थेहिँ व णञ्चन्ती ॥ ७ - महुअरि-महुर-सरु व गायन्ती उज्झर-मुरवाइँ व वायन्ती ॥८ 13 PS पहाउ. 14 P °वत्तउ, s °मत्तउ. 15 A जुज्झंतु. 16 s सरहसे.
9. 18 रावणेण. 2 P S A अहिसिंचिवि. 3 5 गायई. 4 PS ढुक्कउं. 5A वियड्ढे. 6 P मुक्कर. 7 PS उभय. 8 धोवंतउं, s धोवंतउ. 9 P A दहमुहूं. 10 PS विवावडु. 11 PA भणइं. 12 PS तुरिय.
10. 1s ण, Aणव. 2 A °वाहेणि व्व. 3 PS जंञ्चपट्ट', A दृढपहा. 4 P A वीणाहोरणइ. वीणाहोरणा. 5A मल्लिय.6A म.7 This and the next Pada transp. osed in A. 85 वमन्ती. 9 PS महुयर'. [८] १ प्रवाहः. २ शिथिलित वस्त्राणाम्. [९] १ वालुकावेदी. २ दधिभिः. ३ जलप्रवाहेण व्याकुली कृतचित्तः. [१०] १ साटिका युक्का. २ उपरितनवस्त्रेण.
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