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[क०४, ५-१०५,१-६
पउमचरिउ
[४]
एम भणेवि झत्ति पडिउ इव वालिहें तणेण सावेणं ।
तलु भिन्दैवि पइ९ महिदारणियहें विजहें पहावेणं ॥ १ 'चिन्तेप्पिणु विज-सहासु तेण उम्मूलिउ महिहरु दहमुहेण ॥२ सु-पसिद्धउ सिद्धउ ल -संसु णावइ दुप्पुत्तें णियय-वंसु ॥ ३ अहवइ णवन्तु दुक्किय-भरेण तइलोकु वखित्त (१) व जिणवरेण ॥ अहवइ भुवइन्द-ललन्त-णालु णीसारिउ महि-उवैरहों वै वालु ॥ ५
अहवइ णं वसुह महीहराहँ छोडाविय वालालुञ्चिराहँ ॥ ६ 10 अहवइ चलवलइ भुअङ्ग-थट्ठ णं धरणि-अन्त-पोट्टलु विस? ॥ ७
खोलैक्खउ खोणि-खयालु भाइ पायालहों फाडिउ उअरु णाई ॥८ गिरिवरेण चलन्तें चउ-समुद्द अहिमुह उत्थल्लाविय"रउद्द ॥९
॥ घत्ता॥ जे गयउ आसि णासेप्पिणु सायर-जारें माणियउँ । 16 तं मण्ड हरेवि पडीवउ जलु कु-कलत्तु व आणियउ ॥ १०
॥ दुवई ॥ सुरवर-पवरकरि-कराकार-करग्गुग्गामिएँ' धरे।
भग्ग-भुयङ्ग-उग्ग-णिग्गय-विसग्गि-लग्गन्त-कन्दरे ॥ १ " कत्थई विहडियइँ सिलायलाइँ सइलग्गइँ कियइँ व खलहलाई ॥२
कत्थई गय णिग्गय उद्ध-सुण्ड णं धरऍ पसारिय वाहु-दण्ड ॥३ कत्थइ सुअ-पन्तिउँ उद्वियाउ णं तुट्टा मरगय-कण्ठियाउ ॥४ कत्थइ भमरोलिउ धावडाउ उडन्ति व कइलासहों जडाउ॥५ कत्थइ वणयर णिग्गय गुहेहिँ णं वमई महागिरि वहु-मुहेहिँ ॥ ६
4. 1A पडिअ. 29 साविणं, A साविणा. 3 5 तणु. 45 पट्ट. 5s पहाविणा. 6s लढु. 7 P तिलोकु, s तिलोकु, A तइलोक्क. 8 P A खित्तु. 9 A भुअइंद. 10 P °उयरहो, s 'ओयरहो, A ऊबरहो वालु. 11 s य. 12 PS A °लुंचिताहं. 13 A °पत्तु वे दल'. 14 PS खोलुखउ खोणिउ खयाल भाई. 15 PS उच्छल्लाविभ रउदु, Aथल्लावियसमुद. 16 P माणिभउं, s माणउं, A माणियउं. 17 P आणिउं, s आणिउ, A आणियउं.
5. 1 P S 'करुग्गामिए धराधरे. 2 A विसग्ग'. 3 PS कस्थनि. 4 A सइलंगइ. 5 Ps सोंड. 6A धरणि. 7 P°तिउं. 8 P तुट्टेवि. 9 वमई. [४] १ नाभिनालम्. २ शिशु. ३ अतीवगाढम्. ४ पर्वतगतो. ५ समुद्र, लक्ष्म्याकरम् (?). [५] १ शैल, पर्वत.
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