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१० ११, १-९, १२, १-१०] बारहमो संधि
[११] महु तणजे सीसु पुणु दुण्णमउ जिह मोक्ख-सिहरु सबुत्तमउ ॥१ पणवेप्पिण तिल्लोकाहिवइ सामण्णहों अण्णहों णउ णवई ॥२ महु तणिय पिहिवि तुहुँ भुञ्जि पहुं रिज्झउ कइ-जाउहाण-णिवहु ॥ ३ अण्णु मि' जो पइँ उवया किउ तायहाँ कारणे जमराउ जिउ ॥४ । तहों मइँ किय पडिउवयारं-किय आवग्गी भुञ्जहि राय-सिय ॥५ गउ एम भणेप्पिणु तुरिउ तहिं गुरु गयणचन्दु णामेण जहिँ ॥६ तवचरण लइउ तग्गय-मणेण उप्पण्ण रिद्धिउ तक्खणेण ॥॥ ७ अणुदिणु जिणन्तु इन्दिय-वइरि गंउ तित्थु जेत्थु कइलास-गिरि ॥८
॥त्ता ॥ उप्परि" चडिउ तहों अट्ठावयहाँ पश्च-महावय-धारउ । अत्तावर्ण-सिलहँ सासय-इलहँ णं थिउ वालि भडारउ ॥९
[१२] एसहे सिरिप्पह भइणि तहों सुग्गीवें दिण्ण दसाणणों ॥१ वोलाविउँ गउ लङ्का-णयरें णल-पील विसजिय किक-पुरें ॥ २ ॥ सुउ धुव-महएविहें संथविउ ससिकिरण णियद्ध-रज्जे थविउ ॥ ३ तहिँ अवसरें उत्तर-सेढि-विहु विजाहरु णामें जलणसिहु ॥४ तहाँ धीर्य सुतार-णाम णरेंण मग्गिजइ दससयगइ-वरेण ॥५ गुरु-वयणे तासु ण पट्टविय . सुग्गीवहाँ णवर परिट्टविय ॥६ परिणेवि कण्ण णिय णियय-पुरु दर्ससयगइहें वि विरहग्गि गुरु ॥ ७ ॥ पजलइ उप्पायइ कलमलउ उहउ ण सुहाइ ण सीयलउ ॥८ उन्भन्तउ कहि मि पइट्ट वणु साहन्तु विज थिउ एक-मणु ॥९
॥ घत्ता ॥ ताई मि धणे-पउरें किक्किन्धं-पुरे अङ्गङ्गय वडन्त । थियइ रयण इं] गई वेण्णि वि जणइँ रज्जु से इं भु अन्त ॥ १० ॥
11. 1 P तणउं. 2 PS दुण्णमउं, A दुनमउं. 3 Folio no. 34 containing the text from मोक्खसिहरु upto दुक्कियभरेणति (XIII 4,4 ) is missing in P. 4 s णमइ.5s पिहिमि. 6 A पहुं.7A वि. 8 5 उपगारु. 9s पडि उअयार. 10A उप्पण्णउं. 11 A हणंतु. 12 sजेत्थ तेस्थ. 13 A उपपरे. 14 s महन्वय. 15s आतावणे 16 वाहुवली.
12. 1A सिरिप्पर. 2 S A वोल्लाविउ. 3 s A °णयरि. 4 A धुअ. 5s मंगिजइ. 6s परविय.7 तेण वि परिणियं णिययपुरु.85°गईहे. 9s wanting. 10A कलकमलउ. 11s भम्मंतउ. 125 वणे. 13 s एकमणे. 14 A ताए वि. 15s वण'. 16 s किकिंधु. 17A चितवंताइ, बटुंताइ. 18 8 रयाण, रयण. 19 A इ. 20 s सयं.21 s भुजंताए, A भुजंताइ.
पउ० चरि.14 Jain Education International For Private & Personal Use Only
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