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क०५,५-११,६, १९] अट्ठमो संधि सण्णज्झइ णइरिउ मोग्गर-धरु रिच्छारूढु रणङ्गणे दुद्धरु ॥५ सण्णज्झइ वरुणु वि दुईसणु णागवास-कर करिमयरासणु ॥६ सण्णज्झइ मिग-गमणु समीरणु तरुवर-पर्वरुग्गामिय-पहरणु ॥७ सण्णज्झइ कुवेरु फुरियाहरु पुप्फ-विमाणारूद सत्ति-करु ॥८ सण्णज्झइ ईसाणु विसासणु सूल-पाणि पर-बल-संतासणु ॥ ९ सण्णज्झइ पञ्चाणण-गामि कुन्त-पाणि ससि ससिपुर-सामिउ ॥ १०
॥ घत्ता ॥ जाइँ वि ढिलोहोन्ताइँ ताइ मि रण-रसं-पुलउग्गय । णिऍवि परोप्परु चिन्धाइँ सुहडहुँ" कवयइँ फुटेंवि गयई ॥११
साम परोप्परु वेहाविद्धं पढम भिडन्तइँ अग्गिम-खन्धइँ ॥१ मुसुमूरिय-उर-सिर-मुह-कन्धर पच्छिम-भाअ-सेस थिर्य कुञ्जर ॥२ पुच्छुग्गीरिय पडिपहरन्ति व 'कहिँ गय अग्गिम-भाय' भणन्ति व॥३ जोह वि अमुणिय-जंढर-उरत्थल 'कहिँ गय रिउ' पहरन्ति व करयल ॥४ संचूरिय तुरङ्ग-धय-सारहि चक्क-सेस थियं णवर महारहि" ॥ ५ ॥ तहिँ अवसरे रहणेउर-सारहों धाइउ मल्लवन्तु सहसारहों ॥ ६ ॥ सूररएण सोमु रणे खारिउ उच्छरएणं वरुणु हक्कारिउ ॥७ जमु किकिन्धे धणउ सुमालिं पवणु सुकेसें सुरवइ मालिं ॥८
॥ घत्ता ॥ 'एत्तिउँ कालु ण वुझियउ तुहुँ कवणहुँ इन्दहुँ इन्दु कहें। * रण्डेंहिँ मुण्डेहिँ जिब्भिऍहिँ कि जो सो रम्मैहि इन्दवहे ॥९
7s मोग्गरघरु. 8A मयरासणु. 9 8 तरुवरु. 10s पहरु. 11 S विमाणरूद्ध सत्तिअकरू. 12 A गामिउं. 13 A कोत°. 14 A टीलीहोताइ. 15 s रणस. 16s पुलग्गयइ, A कुलउगयाइं. 17 s चिंघाइ. 18 5 सुहडह कवयइ. 19 SA फुट्टिवि. 20 s गयइ, A गयाइं.
6. 15 ता. 25 वेहाइंद्धइ. 3 A भिडंत हुं. 4s खंघइ, A खंघहु. 5s थिअ. 6s पुंच्छु. 7 This hemistich is missing in S. 8 A कहि. 9 5 अपुणिय. 10 A जढरोर. स्थल. 11 कहि, A कह°. 12 A पसरंति. 13 A धुरसारहिं. 14 s ठिय. 15 A महारहिं. 165 तहि. 17 S धायउ, 185 रणि, 1.9 3 उच्छरएण. 20 A जसु किकिंधे. 218 समालें. 22 सुकेसिं. 23 5 मालें. 24 A एत्तउ. 25s A तुहु. 26 s कवणहो, A कवणुहं: 27s missing. 28 A रंडिहिं मुंडि हिं. 295 जिभिएहि, A भएहिं. 30 A रम्महिं. 31 इंदवहो.
पउ. चरि० 10
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