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________________ INTRODUCTION 7 368 रवि उग्गउ । 188 4. 368 उदियाय च तिग्मांशुः। 15 181. VP. दिवसयरो उदिओ। 15 83. 369 उम्माहट लाइउ जन्तएण। 18 8 6. 369 तेन नितान्तं दुःखिताऽभवत् । 15 193. VP.सोऊण गमणं तिस्स बाला चिन्तेइ 15 85. 370 कर-चरण धरेप्पिणु राणऍहिँ । 18 8 8. 370 श्वसुरेण धृतः पाणौ जनके च । 15 215. 371 परिचिन्तियउ। 188 9a. 371 दध्यो। 15216. 372 एक-चार करयलें धरेंyि 372 समुह्य शातयाम्येनां दुःखेनासङ्गजन्मना । पुणु xxx परिहरेंवि। 18 8 9b. 15217. 373 दूउ विसजियउ। 18 9 9. 373 दूतः प्रेषितः । 1635. 374 वरुणहाँ णन्दणेहिँ । 374 (a) राजीवपौण्डरीकाद्याःxxx xx राजीव-पुण्डरीएहिँ xx खरदूसण वरुणनन्दनाः। 1643. xx धरिय गवर ॥ 18 10 1-2. (b) गृहीतः खरदूषणः। 16 51. VP. (a) राईवपुण्डरीया पुत्ता। 16 19. (b) वरुणसुएहि गहिओ खरदूसगो। 16 24. 375 सालयहुँ म होसइ कहि-मि घाउ। 375 खरदूषणभद्रस्य xxx मा भून्मरणसंप्राप्तिः 18 104. 16 53. 376 ओसरु दुटु-दारें। 18 10 8. 376 अवसाशु xxx दुरीक्षणे। 16 87. 377 अच्छिउ अच्छन्ते जीउ महु, 377 (a) तिष्ठताऽपि त्वया xxxजीवितास्मि । जन्हें जाएसइ पइँ जि सहुँ । 18 109. जीविष्याम्यधुना स्वामिन् कथं दूरंगते त्वयि ॥ ___16 91-92. (b) मरणं भवेत् । 16 95. VP.जीयं मरणं वि तुमे आयत्तं मजा । 16 43. 378 माणस-सरवरें आवासु मुकु, 378 संप्राप्तो मानसं सरः । आवासयत्तटे तस्य ॥ भत्थवणहाँ ताम पयङ्गु ढुक्कु ॥ 18 11 2. 1698. VP. उवढिओ माणससरम्मि xxx रइओ तत्थ णिवेसो । ताव चिय अत्थगिरि कमेण सूरो समल्लीणो। 16 44-45 379 चक्की वि दिट्ट विणु चक्कएण, 379 (a) एकाकिनीमेकामाकुलां चक्रवाकिका वाहिजमाण मयरद्धएण॥ 18 114. वियोगानलसंतप्ताम् । 16 107. (b) ददर्श। 16 113. VP. तत्थेका चक्काई दिट्ठा xx विरहग्गितवियगी। 16 51. 380 पङ्खाहणन्ति xx पकन्दन्ति धन्ति ॥ 380 (a) धुन्वानां पक्षती वेगात् । 16 109. 18 11 5. (b) नानाचेष्टितकारिणीम्। 16 107. VP. विहुणइ पक्खावलि उद्धाइ चलइ वेवइ। 16 52. 881 जाउ तहाँ कलुण-भाउ, 381 (a) कृपादृतः। 16 113. मह सरिसु भण्णु ण को वि पाउ 18 11 6. (b) पापचेतसः। 16 122. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002523
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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