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PAUMACARIU
382 उप्पएवि णहङ्गणें वे वि गय। 18 119. 382 पुरः प्रहसितं कृत्वा वायुर्गगनमुद्ययौ।
16 148.
VP. दोण्णि वि गयणगणेश वच्चन्ता । 16 63. 383 पत्त अक्षणहें भवणु
383 (a) प्राप्तश्चाजनसुन्दर्या गृहे प्रग्रीवकोदरे । पच्छण्णु होवि थिउ कहि-मि पवणु ॥ __ वायुरस्थात्प्रविष्टस्तु तस्याः प्रह सितोऽन्तिकं। गउ पहसिउ अब्भन्तरें पइटु,
16 151. xxx आगमणु सिद्ध ॥ 18 12 1-2. (b) अकथयत्तस्यै पवनञ्जयमागतम्। 16 154.
VP. पहसिओxxx अन्भिन्तरं पविट्ठो।
16 64. 384 एवड्ड पुण्णु जइ। 18 12 5. 384 अपुण्याम् ।
16 156. 385 पलक्के चडिउ करें लेवि देवि। 18 128. 385 गृहीत्वा दयितः पाणौ शयने समुपाविशत् ।
16 171. 386 तं मरुसेजहि मिगणयणि। 19 16. 386 देवि मा काषीरुद्वेग त्वम् । 16 229.
VP.मा उव्वेयस्स देहि अत्ताणं। 1684. 387 कर मउलिकरेप्पिणु विण्णवइ, 387 कृत्वा करयुगाम्भोजं जगादाजनसुन्दरी रयसलहें गब्भु जइ संभवइ ।
xxऋतुमती xxx ततस्त्वविरहे तो उत्तर काइँ देमि जणहाँ॥ 19 1 2-3. गर्भो ममावाच्यो भविष्यति ॥ 16 231-232.
VP.अजं चिय उदुसमओxxx गब्भो कयाइ
उयरम्मि होही वणिजयरो। 16 86. 388 ककणु xxx समल्लāवि। 19 1 4. 388 वलयं दत्वा ।
16238 389 एउ काई कम्मु पइँ भायरिउ । 19 1 7. 389 तव केनेदं कृतं कर्म । ___ 174 390 °भयाउरउ संजायउ वे विणिरुत्तरउ। 390 भीत्या निरुत्तरीभूताम्। 17 16
1924. 391 हकारेंवि पणिउ कूर-भडु ।
391 क्रूरनामानं क्रूरमाहूय किङ्कर xxx 'एयउ xxx माहेन्दपुरहाँ दूरन्तरण। इत्यूचे । xxx नीत्वमा महेन्द्रपुरगोचर यानेन परिधिववि आउ सहुँ रहवरेण ॥ सहितां सख्या निक्षिप्यैहि। 17 12-13.
192 5-7. 392 गड वे वि चडावि। . 19 2 9. 392 सख्या समं समारोप्य यानम् । 17 18.
VP. समयं सहियाऍ अक्षणा
xxx जाणम्मि समारूढा। 17 8. 393 अक्षण xxx ओआरिया। 192 10. 393 अवतार्यताम् ।
17 21. 394 रवि मत्थन्तओ, अक्षणाएँ केरउ 394 ततोऽञ्जनां समालोक्य दुःखभारादिवोत्तमा दुक्खु वि असहन्तओ। 19 3 1. xxx रविरस्तमुपागमत् । 17 22.
VP. ताव य अत्थंगओ सूरो। 17 9. 395 सादुक्खु दुक्खु परियलिय णिसि 19 35. 395 निशा निन्ये कृच्छ्रेणासौ। 17 29. 396 पट्टणे हट्ट-सोह करहों। 19 3 8. 396 पुरस्य क्रियतां शोभा। 17 36. 397 f xxx सिर वजेण हड। 19 4 5. 397 वज्रेणेवाहते श्रुती। 17 39. 398 दुस्सील दुट्टxxx विणु खेवें 398 निर्वास्यतां पुरादस्मादरं सा पापकारिणी । णयरहों णीसरउ । 19 4 6. .
17 39. VP. (a) धाडेह पावकम्मा बाला xx एसा ।
17 20. (b) धाडेह लहुं पुरवराओ। 17 24.
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