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________________ 257 सिरिप्पह भइणि तहाँ, सुग्गीवें दिग्ण दसाणणहाँ । 12 12 1 258 विजाहरु णामें जलणसिहु । तहाँ घीय सुतार-णाम गण, मग्गज्जइ दससयगइ-वरेंण ॥ गुरुवणें तासु ण पट्ठविय, सुग्गीव जवर परिट्ठविय ॥ परिणेवि कण्ण णिय नियय-पुरु, eters वि विरहग्गि गुरु ॥ पज्जलइ ॥ 259 विज्जाहर- कुमारि रयणावलि चालोयपुरवरे । 12 12 46-8a. परिर्णेवि वलइ जाम ता थम्भिउ पुष्पविमाणु अम्बरे ॥ 260 णं कचण-सेलें पवण-गमणु । 261 णीसह यउ किङ्किणीउ । 262 मारिचें वुञ्च देव देव, INTRODUCTION Jain Education International 13 1 1. 13 1 5. स- भुअङ्गमु चन्दण-रुक्खु जेम ॥ लम्विय-थिर-थोर - पलम्व-वाहु, अच्छइ कइलासह उवरि साहु ॥ मेरु व अकम्पु ॥ 13 1 6. 1325-70 257 दशग्रीवाय सुग्रीवो वितीर्य श्रीप्रभाम् । 9 100. VP. सुग्गीवो विहु कन्नं सिरिप्पभ्रं देइ रक्खसिन्दस्स । 19 9 50. 258 (a) हुताशन शिखस्यासीत् सुता × × × । सुतारेति गता ख्यातिं x x तां साहसगतिर्नाम्ना xx दूतैरयाचत ॥ 10 2-6. (b) ततो मुनिगिरं ज्ञात्वा xxx सुग्रीवाय सुता दत्ता ××× । कृत्वा पाणिगृहीतां तां सुग्रीवः पुण्यसंचयः । इयाय ॥ 10 10-11. (c) चक्राङ्कस्य शरीरजः × × × कामाग्निदग्धः ॥ VP. (a) जलणसिह - खेयर - सुया x x x तारा नामेण । साहसगई xx अहिलसइ परिणेउं ॥ 102-3. 259 (8) विद्याधरकुमार्यः । 10 13-14. (b) सुग्गीवस्स वर तणू दत्ता | परिणेऊण सुतारा सुग्गीवो ॥ 108-9. 9 101. (b) नित्यालोकेऽथ नगरे Xx रम्भावलीं सुतां । उपयम्य पुरीं यातो निजां X x नभसा ×××। सहसा पुष्पकं स्तम्भमार ॥ 9102-104 VP. निच्चालोए नयरे x x रयणावलिति दुहिया x x x 1 ती विवाहउं पुप्फविमाणद्वियस्स गयणयले वश्चन्तस्स निरुद्धं जाणं ॥ 9 52-53. 260 मेरोरिव तटं प्राप्य सुमहद् वायुमण्डलम् । 9 104. 9 105. 261 शब्दभमें घण्टादिजम्ननि । 262 (a) मारीचस्तृत आचक्षौ Xxx 'श्रुणु देवैष कैलाशे स्थितः प्रतिमया मुनिः ॥ 9 107. For Private & Personal Use Only 9 128 (b) आशकारिकराकार प्रलम्बितभुजद्वयं । पन्नगाभ्यामिवाश्लिष्टं महाचन्दनपादपम् ॥ 9127. (c) सुनिश्चलम् । VP. साहिउं पयतो मारीई । (b) पलम्बभुयजुयलं । (c) मेरुं पिव निश्चलं । 9 55. 9 62α. 9 626. www.jainelibrary.org
SR No.002523
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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