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गाथा
पत्र
४७१७-३९
१२६९-७४
आदि
४७४०-६२
१२७४-८०
१२७५
४७४०
१२७५
१२७५
४७४१-४३ ४७४४-६२
बृहत्कल्पसूत्र चतुर्थ विभागनो विषयानुक्रम ।
विषय ११ 'संगारदत्ते कथं कल्पः' द्वार शैक्षविषयक अनेक प्रकारना संकेतो, संकेत करेल शैक्षविषयक आभाव्य-अनाभाव्यनो विधि, शिष्यविपरिणामननुं स्वरूप, ज्ञान-दर्शन-चारित्रविषयक गर्हार्नु अने मन-वचन-कायाविषयक गर्हार्नु स्वरूप आदि
२६ बीजं अवग्रहसूत्र वीजा अवग्रहसूत्रनो पूर्वसूत्र साथे सम्बन्ध
बीजा अवग्रहसूत्रनी व्याख्या बीजा अवग्रहसूत्रगत पदोनी व्याख्या वसतिमा रहेवा अगाउ वृषभो द्वारा आहार अने उपधिना अवग्रहना ग्रहणनो विधि, ते रीते नहि करवाथी लागता दोषो अने अवग्रहविषयक अनेकविध यतनाओ
२७ त्रीजं अवग्रहसूत्र त्रीजा अवग्रहसूत्रनो पूर्वसूत्र साथे सम्बन्ध
त्रीजा अवग्रहसूत्रनी व्याख्या त्रीजा अवग्रहसूत्रगत वास्तु, अव्वावड, अन्वोगड, अपरपरिग्गहिय, अमरपरिग्गहिय पदोनी व्याख्या अव्वावड आदि पदोने लगतां कुटुम्बी, काणेष्टका, वृक्ष अने पिशाचगृहनां दृष्टान्तो अने तद्विषयक विधि, यतनादि
२८ चोथु अवग्रहसूत्र चोथा अवमहसूत्रनो पूर्वसूत्र साथे सम्बन्ध
चोथा अवग्रहसूत्रनी व्याख्या अवस्थित अनवस्थित अवप्रहो राजावग्रहनुं स्वरूप आदि
४७६३-७६
१२७५-८० १२८०-८३
१२८० १२८०
४७६३
४७६४-६७
१२८०-८१
४७६८-७६
४७७७-८८
४७७७
१२८१-८३ १२८३-८५
१२८३ १२८४
१२८४ १२८४-८५
४७७८ ४७७९-८८
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