SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 717
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६५६ जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण ४. मरुधर केशरी : अभिनन्दन ग्रन्थ- मरुधर केसरी अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, जोधपुर-ब्यावर, प्रथम संस्करण, १९६८ मुनि हजारीमल स्मृति ग्रन्थ- मुनि श्री हजारीमल स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन समिति, ब्यावर, प्रथम संस्करण, १९६५ शाश्वत (आचार्य दयानन्द भार्गव अभिनन्दन ग्रन्थ)सम्पादक : डॉ. नरेन्द्र अवस्थी, वैदिक अध्ययन केन्द्र, जोधपुर, १९९७ सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ- पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, १९९८ ८. सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द शास्त्री अभिनन्दन ग्रन्थ- सम्पादक: बाबूलाल जैन फागुल्ल, सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र शास्त्री अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, वाराणसी, १९८५ पत्र-पत्रिकाएँ १. जिनवाणी (कर्म सिद्धान्त विशेषांक) -सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर २. श्रमण- पार्श्वनाथ विद्यापीठ, करौंदी, वाराणसी श्रमण संस्कृति- श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांतक्रांति जैन श्रावक संघ, आदर्श नगर, उदयपुर। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002509
Book TitleJain Darshan me Karan Karya Vyavastha Ek Samanvayatmak Drushtikon
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShweta Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year2007
Total Pages718
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy