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२३६ जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण
२९५. सांख्यतत्त्व कौमुदी, कारिका ५५ की ज्योतिषमती व्याख्या २९६. न्यायदर्शन, अध्ययन ४, अह्निक १,सूत्र २२ २९७. वाक्यपदीय, वाक्य काण्ड, कारिका १४९ २९८. तत्त्व संग्रह, श्लोक १११ २९९. प्रश्नव्याकरण सूत्र, अधर्म द्वार, मृषावादी, सूत्र ७ पर अभयदेव वृत्ति ३००. शास्त्रवार्ता समुच्चय, स्तबक २, श्लोक ५८ का अंश ३०१. आचारांग सूत्र १.१.१.३ की शीलांक टीका ३०२. द्वादशारनयचक्र, प्रथम भाग, पृष्ठ २२२ ३०३. विशेषावश्यक भाष्य, गाथा १६४३ की टीका ३०४. शास्त्रवार्ता समुच्चय, स्तबक २, श्लोक ७६ ३०५. सन्मति तर्क ३.५३ पर अभयदेव टीका
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